राष्ट्रगान की तीसरी पंक्ति में सिंधु नहीं सिंध सही
राष्ट्रगान 'जन गण मन अधिनायक जय हे... की तीसरी पंक्ति में पंजाब के बाद 'सिंधु' शब्द का प्रयोग करने पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने आपत्ति जताई। उन्होंने मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा को पत्र लिखकर इसमें सुधार करने को कहा है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि भविष्य में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि राष्ट्रगान
भोपाल [हरीश दिवेकर]। राष्ट्रगान 'जन गण मन अधिनायक जय हे... की तीसरी पंक्ति में पंजाब के बाद 'सिंधु' शब्द का प्रयोग करने पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने आपत्ति जताई। उन्होंने मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा को पत्र लिखकर इसमें सुधार करने को कहा है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि भविष्य में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि राष्ट्रगान के प्रकाशन में त्रुटि न हो।
राज्यपाल ने अपने पत्र में कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित भारत-2014 के वार्षिक संदर्भ में राष्ट्रगान में सही शब्द 'सिंध' लिखा है। वहीं, सरकारी डायरियों व पुस्तकों में सिंध के स्थान पर सिंधु शब्द का प्रयोग होने से प्रदेश के सभी कार्यक्रमों में राष्ट्रगान इसी तरह गाया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत रत्न व नोबल पुरस्कार से सम्मानित कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने सबसे पहले इसे बांग्ला भाषा में लिखा था। 27 दिसंबर 1911 को कलकत्ता के एक अधिवेशन में इसका ¨हदी संस्करण किया गया, जिसमें सिंध शब्द था, सिंधु नहीं।