17 जुलाई से 11 अगस्त तक चला संसद का मानसून सत्र, देश को मिले नए प्रेसीडेंट
17 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चले मानसून सत्र ने देश को नया राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दिया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। लगभग तीन सप्ताह तक चले इस मानसून सत्र में देश को नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू मिले। हंगामेदार रहे मानसून सत्र में 14 बिल पास किए गए और किसानों की बदहाली, मॉब लिंचिंग, कश्मीर मुद्दा, चीन के अलावा नये रोजगार के सृजन में आयी गिरावट, जीडीपी की विकास दर घटने जैसे मुद्दे छाये रहे। इसके अलावा करेंसी नोटों और राहुल गांधी पर गुजरात में पथराव के मुद्दे पर भी हंगामा हुआ। हंगामेदार मानसून सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन सांसदों की क्लास भी लगाई जो संसद से नदारद रहते हैं और उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए चेतावनी तक दे डाली कि ‘2019 में देखता हूं।‘
जारी रहा आरोप प्रत्यारोप का दौर
पक्ष विपक्ष के बीच आरोपों और प्रत्यारोपों के दौर का संसद गवाह रहा है। मानसून सत्र भी इससे बच नहीं पाया। हाल में ही गुजरात दौरे के दौरान राहुल गांधी की गाड़ी पर पथराव मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल पर सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
वहीं विपक्ष ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू को लेकर दिए बयान पर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दे दिया।
इसके अलावा भाजपा ने राज्यसभा में पहली बार कांग्रेस से बढ़त हासिल की। 57 सदस्यों वाली कांग्रेस के मुकाबले भाजपा के अब उच्च सदन में 58 सदस्य हो गए। इस बीच कर्नाटक में आयकर विभाग की ओर से छापेमारी पर कांग्रेस ने जमकर विरोध जताया जिसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई भी दी कि रिजॉर्ट पर रेड नहीं पड़ी।
बसपा सुप्रीमो का राज्यसभा से इस्तीफा
बसपा सुप्रीमो ने नाराजगी और गुस्सा जाहिर करते हुए विधिवत अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को सौंप दिया। मायावती ने अपने इस्तीफे में कहा 'मैं शोषितों, मजदूरों, किसानों और खासकर दलितों के उत्पीड़न की बात सदन में रखना चाहती थी। सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में जो दलित उत्पीड़न हुआ है, मैं उसकी बात उठाना चाहती थी। लेकिन सत्ता पक्ष के सभी लोग एक साथ खड़े हो गए और मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। बसपा प्रमुख ने कहा 'मैं दलित समाज से आती हूं और जब मैं अपने समाज की बात नहीं रख सकती हूं तो मेरे यहां होने का क्या लाभ है।'
लगे हंसी ठहाके
मुलायम सिंह यादव ने सदन में महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इसे खत्म करने की शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी। गंभीर मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने सांसदों से चुटकी लेते हुए पूछ डाला- कौन-कौन सांसद अपनी पत्नी को दबा कर नहीं रखते, हाथ खड़े करें। जब किसी सदस्य ने हाथ खड़ा नहीं किया तो मुलायम सिंह बोले कि देख लीजिए, जब सदन में यह स्थिति है तो देश में क्या हाल होगा। इस पर सदन में ठहाके गूंज उठे।
इसके अलावा पावर सेक्टर का ब्यौरा देते हुए बिजली मंत्री पीयूष गोयल की जानकारी को देखते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने टिप्पणी की कि अब ‘प्रोफेसर पीयूष गोयल’ कहना होगा। इसपर सदन में मौजूद सांसद खुद की हंसी नहीं रोक पाए।
सचिन और रेखा पर हमला
राज्यसभा में पूर्व क्रिकेटर से सांसद बने सचिन तेंदुलकर और अभिनेत्री रेखा की अनुपस्थिति पर सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने उनसे इस्तीफे की मांग कर डाली।
18 दिन का था मानसून सत्र
संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से 11 अगस्त तक चला। जिसमें से यदि साप्ताहिक छुट्टियां और राष्ट्रीय अवकाशों को निकाल दें तो सत्र 18 दिन तक चला। आंकड़ों के मुताबिक, संसद सत्र में एक मिनट में 29000 रुपये का खर्च आता है। संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा में पांच घंटे और निम्न सदन यानि लोकसभा में छह घंटे काम होता है यानि एक दिन में 11 घंटे। इस हिसाब से संसद की एक दिन की कार्यवाही में यानि एक दिन का खर्च 1,91,40,000 आता है तो 18 दिनों के सत्र में 34,45,20,000 के खर्च का अनुमान लगाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: राज्यसभा में दो तरह के करेंसी नोटों की छपाई पर विपक्ष का हंगामा
यह भी पढ़ें: PM के गुस्से से सांसदों का छूटा पसीना, पूछा- बार बार कहने पर भी क्यों नहीं सुधरते