संसद में घुसा बंदर, 30 मिनट तक घूमता रहा रीडिंग रूम के अंदर
संसद भवन की सुरक्षा कितनी अच्छी है इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब एक बंदर संसद भवन के रीडिंग रूम में आराम से आधे घंटे तक रहा और अंत में मेन गेट निकल चलता बना।
नई दिल्ली। सांसद तो अपने काम के लिए संंसद जाते हैं पर इस बार मानसून सत्र में सांसदों के साथ एक नए अजनबी ने चुपके से संसद में घुसपैठ की। जी हां, यह नया अजनबी था ‘बंदर’। ये बंदर संसद भवन के सेंट्रल हॉल से जुड़े लाइब्रेरी में गया जहां विधायक और पत्रकार जाते हैं।
करीब डेढ़ घंटे तक ये बंदर हाल में घूमता रहा। टेबल पर कूदा और गैलरी में लगे बिजली के तारों पर चढ़ा और उतरा। लगभग 30 मिनट तक लाइब्रेरी से बाहर निकलने का रास्ता खोजने में असफल होने के बाद इसने मुख्य द्वार से बाहर निकलने का रास्ता अपनाया। और हरे बिछे कालीन वाले कॉरिडोर के जरिए यह बाहर निकला।
सेंट्रल हॉल के दरवाजे पर खड़े सिक्योरिटी स्टाफ ने तुरंत गेट बंद कर दिया और विधायकों, मंत्रियों और पत्रकारों वाले जगह पर जाने से किसी तरह रोका गया।
लाइब्रेरी स्टाफ संसद की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को पुकारते रहे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। संसद में पहले बंदरों के आतंक से बचने के लिए लंगूर को रखा गया था। पर अभी उसे पकड़ने के लिए कोई मदद नहीं मिल पायी।
दिल्ली के लुटियन जोन के कई हिस्सों में बंदरों को भगाने के लिए लंगूर रखे गए थे। लेकिन कुछ समय पहले ही लंगूरों को हटाने का निर्णय लिया गया। लोकसभा सचिवालय में सूत्रों ने बताया कि लंगूरों के जाने के बाद संसद भवन के प्रांगण में बंदर आसानी से दिख जाते हैं।