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मोगा बस कांड: अर्शदीप के परिजनों ने ठुकराया मुआवजा, रोका संस्कार

मोगा में हुए ऑर्बिट बस कांड का मामला तीसरे दिन पूरी तरह से गर्मा गया है। सरकार द्वारा मुआवजे की पेशकश को मृतक लड़की के परिजनों ने ठुकरा दिया है। नतीजतन मौत के दो दिन बाद भी उसका पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार नहीं हो सका। शुक्रवार को जिला प्रशासन के साथ

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 02 May 2015 08:32 AM (IST)Updated: Sat, 02 May 2015 09:17 AM (IST)

मोगा, जागरण संवाददाता। मोगा में हुए ऑर्बिट बस कांड का मामला तीसरे दिन पूरी तरह से गर्मा गया है। सरकार द्वारा मुआवजे की पेशकश को मृतक लड़की के परिजनों ने ठुकरा दिया है। नतीजतन मौत के दो दिन बाद भी उसका पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार नहीं हो सका।

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शुक्रवार को जिला प्रशासन के साथ आयोजित एक्शन कमेटी व आप की समझौता वार्ता दोनों में आपसी खींचतान के बीच बेनतीजा रही। जिला प्रशासन चारों मांगें मानने पर सहमत हो गया। इनमें मुआवजे की मांग भी है।

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार की आर्बिट कंपनी की बस से बुधवार को धक्का देने से मौत का शिकार हुई लड़की अर्शदीप कौर का शव सिंघावाला गांव शवगृह में रखा है। छेड़छाड़ का विरोध करने पर पहले अर्शदीप कौर को चलती बस से नीचे धक्का दे दिया गया था, तत्पश्चात उसकी मां छिंदर कौर को फेंक दिया था। छिंदर कौर घायल है। एसडीएम सुरेंद्र कौर के अनुसार, वह मोगा जबर एक्शन कमेटी के लगातार संपर्क में हैं। जैसे ही समझौता होता है, शव को सिघांवाला से सरकारी अस्पताल में लाया जाएगा। अर्शदीप के ताया अजमेर सिंह का कहना है कि उन्हें सिघांवाला के शव गृह से लगातार फोन आ रहे हैं कि शव ले जाएं। जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता, वे शव वहां से नहीं लाएंगे। उन्हें कभी दस लाख तो कभी बीस लाख रुपये के मुआवजे का ऑफर दिया जा रहा है। जिला व पुलिस प्रशासन लगातार बैठकें कर मामले को शांत करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। पूरा प्रशासन सिविल अस्पताल में जमा हुआ है।

दोपहर बाद मोगा जबर एक्शन कमेटी के लगभग 20 सदस्यों ने डीआइजी अमर सिंह चाहल, डीसी परमिंदर सिंह गिल समेत एसएसपी जतिंदर सिंह खैहरा, भूपिंदर सिंह, एसपी (डी) हरजीत सिंह पन्नू एवं एसडीएम सुरेंद्र कौर के साथ बैठक की। डेढ़ घंटा चली बैठक बेनतीजा रही। कमेटी ने चार मांगें रखी थी। इनमें फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाना, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और घायल महिला को सरकारी नौकरी देना शामिल हैं। इनको प्रशासन ने मान लिया था। मगर, एक्शन कमेटी व आप नेताओं में आपसी मतभेद इस समझौते में बाधा बन गया। एक्शन कमेटी ने धरना तो खत्म कर दिया, लेकिन आप मोर्चा संभाले हुए है। आप के साथ पीड़ित परिवार भी धरने पर डटा हुआ है। पीड़ित परिवार के मुखिया सुखदेव सिंह, उसके भाई व भाभियों ने फैसले को मानने से साफ इन्कार कर दिया। वह बादल परिवार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराना चाहता है। उधर, पुलिस पकड़े गए चारों लोगों की घायल महिला से शिनाख्त कराएगी। फिलहाल, जिला व पुलिस प्रशासन को अब भी एक्शन कमेटी के फैसले का इंतजार है।

आरोपी चार दिन के रिमांड पर

आइजी परमराज सिंह उमरानंगल ने बताया कि पुलिस ने पकड़े गए चारों लोगों गांव बहावल वाली के सुखविंदर सिंह उर्फ पम्मा, मोगा के गुरदीप सिंह उर्फ जिम्मी, अमर राज उर्फ दाना चक्क्बख्तू बठिंडा व रंजीत सिंह को सुबह अदालत ने चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

ये है कमेटी की मांगे

फास्ट ट्रेक अदालत में चले मुकदमा

आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी

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