पाक संग शांति चाहते हैं मोदी लेकिन सुरक्षा की कीमत पर नहीं: US अफसर
अमेरिकी विदेश मंत्री के भारत-पाक दौरे से दोनों देशों के तल्ख रिश्तों में सुधार पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं हालांकि यह स्पष्ट है कि भारत को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारी ने पाकिस्तान को सलाह देते हुए कहा कि नई दिल्ली के साथ व्यापारिक संबंधों को पुन: शुरू करने के लिए रिश्ते को मजबूत बनाना इस्लामाबाद के हित में होगा। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने की दिशा में नहीं बढ़ सकते क्योंकि इससे उनके देश की सुरक्षा पर खतरा होगा। अगले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की पहली आधिकारिक यात्रा को देखते हुए वे दक्षिण एशिया की प्रशासन की नीति के बारे में जानकारी के साथ, इस सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि पाकिस्तान के साथ भारत शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या कर सकता है।
नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी क्षेत्र में शांति चाहते हैं लेकिन पाकिस्तान के साथ शांति के लिए वे अपने देश की सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते। इसलिए पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता उनके फैसले पर निर्भर करता है।‘
उन्होंने आगे कहा, हम चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान वार्ता करे। हमें लगता है कि उनके लिए बात करना और विश्वास कायम करने के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के मार्ग पर पहुंचना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि दोनों देशों में समृद्धि के स्तर पर सुधार हो।
उन्होंने कहा पाकिस्तान की ओर से पठानकोट समेत भारत में हो रहे लगातार आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से तब तक वार्ता नहीं करने का निर्णय लिया है जब तक यह अपने आतंकियों को समर्थन देना बंद नहीं करता है। अब भारत की नीति है कि आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकती जैसा कि संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था।
ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने आगे बताया, ‘मेरा मानना है कि भारत को इसपर अपना फैसला देना होगा और भारत बेहतर जज होगा। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी लीडरशिप क्षमता का राष्ट्रपति ट्रंप बहुत सम्मान करते हैं।‘
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