Move to Jagran APP

चार चीजों के दाम काबू में रहे तो घट जाएगी महंगाई

सरकार अगर चार चीजों-आलू, प्याज, दूध और गेहूं या चावल के बढ़ते भाव को काबू में रख ले तो महंगाई नीचे आ जाएगी। केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रलय का अनुमान है कि इन चार चीजों के भाव बढ़ने की रफ्तार में अगर पांच प्रतिशत की कमी आती है तो खुदरा महंगाई दर में एक प्रतिशत की गिरावट आ जाएगी। यही मं˜

By Edited By: Updated: Mon, 23 Jun 2014 09:40 AM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली। सरकार अगर चार चीजों-आलू, प्याज, दूध और गेहूं या चावल के बढ़ते भाव को काबू में रख ले तो महंगाई नीचे आ जाएगी। केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रलय का अनुमान है कि इन चार चीजों के भाव बढ़ने की रफ्तार में अगर पांच प्रतिशत की कमी आती है तो खुदरा महंगाई दर में एक प्रतिशत की गिरावट आ जाएगी। यही मंत्रलय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी करता है।

मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय में अतिरिक्त महानिदेशक आशीष कुमार और निदेशक दिलीप कुमार ने खुदरा महंगाई के राष्ट्रीय और राज्यवार आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद एक शोधपत्र में यह अनुमान लगाया है। उन्होंने शोधपत्र में कहा है कि दूध, आलू, प्याज और चावल या गेहूं की कीमतें थामने से महंगाई में कमी आ जाएगी। दोनों अधिकारियों का कहना है कि एक औसत परिवार के उपभोग व्यय में 20.57 प्रतिशत खर्च आलू, प्याज, दूध, गेहूं या चावल पर ही होता है। लिहाजा, इन चीजों के दाम बढ़ने की रफ्तार अगर पांच प्रतिशत कम कर दी जाए तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर में एक प्रतिशत की कमी आ जाएगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आठ राज्यों-उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक में यदि महंगाई को रोकने के प्रयास किए जाते हैं तो देशभर में महंगाई दर में कमी आएगी। दलील है कि इन आठ राज्यों में ही देश के कुल उपभोग व्यय का 64.29 प्रतिशत खर्च होता है। यदि इन राज्यों में मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत कम हो जाती है तो पूरे देश में खुदरा महंगाई दर में 3.21 प्रतिशत की गिरावट आ जाएगी।

हाल में केंद्र सरकार ने कालाबाजारियों और जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश देते हुए पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को खास हिदायत दी है।

पढ़े : मोदी के समक्ष बुनियादी ढांचे के विकास का खाका पेश