महाराष्ट्र में फिर गुंडागर्दी की 'राज'नीति, MNS कार्यकर्ताओं ने फेरीवालों को पीटा
MNS कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के थाने और कल्याण जिले में अवैध फेरीवालों को खदेड़ना शुरु कर दिया है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। ठाणे रेलवे स्टेशन पर शनिवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने अचानक फेरीवालों का सामान तहस-नहस कर दिया। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 29 सितंबर को हुए एलफिंस्टन रोड हादसे के बाद चेतावनी दी थी कि यदि रेल प्रशासन एवं पुलिस ने रेलवे स्टेशनों के बाहर एवं फुटओवर ब्रिज पर बैठनेवाले फेरीवालों को नहीं हटाया तो उनके कार्यकर्ता मनसे स्टाइल में उन्हें हटाएंगे।
राज ठाकरे ने रेल प्रशासन को 15 दिन का समय दिया था। शनिवार को चेतावनी का सोलहवां दिन था, जब सुबह-सुबह मनसे के कार्यकर्ता ठाणे रेलवे स्टेशन पर दुकान सजाकर बैठे फेरीवालों पर अचानक टूट पड़े। उनका सामान उठाकर फेंक दिया, तोड़फोड़ की और दोबारा वहां दुकान न लगाने की चेतावनी देते हुए भगा दिया। मुंबई के एलफिंस्टन रोड स्टेशन पर हुए हादसे में 23 लोग मारे गए थे। उसके बाद ही राज ठाकरे ने दक्षिण मुंबई में एक रैली निकाली थी, जिसके अंत में चर्चगेट स्थित पश्चिम रेलवे मुख्यालय जाकर अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने तभी 15 दिन के अंदर मुंबई के सभी स्टेशनों को फेरीवालों से मुक्त कराने की मांग रखी थी।
बता दें कि मुंबई के उपनगरीय रेलवे स्टेशनों पर बने फुटओवर ब्रिजों पर दोनों तरफ रोजमर्रा की वस्तुएं बेचनेवाले अपनी दुकानें लगाकर बैठ जाते हैं, जिसके कारण यात्रियों के लिए जगह कम पड़ जाती है और कई बार हादसे भी हो जाते हैं। मनसे कार्यकर्ताओं के कदम के बाद राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा राज ठाकरे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ मिलीभगत के कारण हो रहा है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम के अनुसार मुख्यमंत्री को राज ठाकरे की चेतावनी के बारे में मालूम था। इसके बावजूद इस घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उनके मुताबिक, राज्य सरकार स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट लागू करने में नाकाम रही है। इसलिए फेरीवालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी शुरू