भाई-बहन को बनाया पति-पत्नी, मां की उम्र कर दी 8 साल
समग्र आइडी यानि भविष्य में सामाजिक सुरक्षा की पहचान इसी से की जाएगी। लेकिन इसके निर्माण में हो रही गलतियां जिम्मेदार अफसर और कर्मचारियों की घोर लापरवाही को उजागर करती हैं। हर दूसरी समग्र आइडी में परिवार के सदस्यों के नाम की इस्पेलिंग से लेकर जन्मतिथि की जानकारियां गलत दर्ज
सागर, [संतोष उपाध्याय]। समग्र आइडी यानि भविष्य में सामाजिक सुरक्षा की पहचान इसी से की जाएगी। लेकिन इसके निर्माण में हो रही गलतियां जिम्मेदार अफसर और कर्मचारियों की घोर लापरवाही को उजागर करती हैं।
हर दूसरी समग्र आइडी में परिवार के सदस्यों के नाम की इस्पेलिंग से लेकर जन्मतिथि की जानकारियां गलत दर्ज की जा रही हैं। इतना ही नहीं पोर्टल पर आइडी दर्ज करते समय रिश्ते ही बदल जा रहे हैं। शास्त्री वार्ड में रहने वाले महेंद्र प्रजापति की पत्नी की उम्र 50 साल हैं।
नगर निगम द्वारा बनाएं गए राशन कार्ड में मुखिया महेंद्र के साथ पत्नी शांतिबाई, बेटा वीरेंद्र के साथ दोनों बेटियां सीमा और सपना का नाम दर्ज हैं। नगर निगम ने जब इस परिवार की जानकारी समग्र पोर्टल पर दर्ज की तो मामला चौकानें वाला था।
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समग्र आइडी में मुखिया की जानकारी सही है। लेकिन के बेटा और बेटी की उम्र काफी अधिक दिखा दी गई और पत्नी को अवयस्क दिखा दिया गया। शास्त्री वार्ड के मकान नंबर 30 में रहने वाले महेंद्र प्रजापति की उम्र 56 साल और पत्नी की उम्र 50 साल हैं।
समग्र आइडी में पत्नी शांति प्रजापति को मात्र 8 साल का दिखाया गया हैं। महेंद्र प्रजापति ने जब इस बात की शिकायत दर्ज कराई तो नगर निगम ने भूल सुधार करते हुए एक वर्ष उम्र बढ़ाकर नौ साल कर दी। भाई-बहन को बनाया पति-पत्नी महेंद्र प्रजापति की बड़ी पुत्री सीमा का विवाह होने के बाद वह अपने ससुराल चली गई। समग्र आइडी में उसका नाम काट दिया गया।
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परिवार में बचे बेटे और छोटी बेटी को नगर निगम के जिम्मेदार लोगों ने मियां बीबी के रूप में दर्ज कर दिया। परिवार समग्र पोर्टल आइडी नंबर 32813269 में वीरेंद्र प्रजापति 28 साल एवं बेटी सपना प्रजापति 26 साल को पति ओर पत्नी के रूप में दर्ज कर दिया गया, जबकि दोनों आपस में भाई-बहन हैं।
मुखिया ने आइडी में सुधार के लिए नगर निगम में आवेदन दिया, लेकिन दोनों की उम्र एक-एक साल बढ़ाकर आइडी को पोर्टल पर दर्ज कर दिया। कनेक्टीविटी और गलती का रोना ग्रामीण एरिया में सरपंच सचिव एवं नगरीय क्षेत्र में नगर निगम को समग्र आइडी बनाने का जिम्मा सौंपा गया हैं।
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पेंशन, राशन के साथ अब एक अप्रैल से रसोई गैस की डिलेवरी लेते समय समग्र आइडी को अनिवार्य कर दिया गया हैं। स्कूल में प्रवेश के दौरान बच्चों से आइडी मांगी जा रही हैं। नगर निगम कनेक्टीविटी का रोना रो रहा हैं। एक सप्ताह से सर्वर के डाउन होने की बात कहकर तकनीकी खामियों को दूर नहीं किया जा रहा हैं। समग्र पोर्टल पर परिवार के सदस्यों के नाम अंग्रेजी में दर्ज होते हैं। सबसे ज्यादा गलती स्पेलिंग में आ रही हैं, गलतियों के लिए विभाग अपने को जिम्मेदार नहीं मान रहा हैं।
साभार - नई दुनिया