भारतीय युवक जिसे आईएस ने बना दिया फिदायीन हमलावर
इस्लामिक स्टेट या आईएसआईएस किस तरह से युवाओं को गुमराह कर रहा है, इसका जिंदा उदाहरण है महाराष्ट्र का रहने वाला 23 वर्षीय सिविल इंजीनियर आरिब फयाज मजीद।
नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट या आईएसआईएस किस तरह से युवाओं को गुमराह कर रहा है, इसका जिंदा उदाहरण है महाराष्ट्र का रहने वाला 23 वर्षीय सिविल इंजीनियर आरिब फयाज मजीद।
समाचार चैनल एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सीरिया जा पहुंचा, जहां उसने फिदायनी या आत्मघाती बनने का प्रशिक्षण लिया।
आत्मघाती बनने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उसे कुर्दिश फौज के क्षेत्र में जाकर विस्फोट करना था, लेकिन वह सफल न हो सका। यह उसका पहला प्रयास था। इसके बाद उसे तीन और ऑपरेशन के लिए भेजा गया, लेकिन हर बार उसकी जिंदगी जीत रही थी।
महाराष्ट्र के पनवेल का रहने वाला आरिब पहला भारतीय ग्रेजुएट है जिसने आईएसआईएस के ट्रेनिंग स्कूल से फिदायीन या आत्मघाती हमलावर होने की ट्रेनिंग ली है। अब आरिब भारत वापस आ चुका है और सुरक्षा एजेंसियों को अपने असफल प्रयासों के बारे में बता चुका है।
कैसे पहुंचा था सीरिया
आरिब अपने 4 दोस्तों के साथ 24 मई 2014 को मुंबई से निकला था। वह पिछले साल नवंबर 2014 में वापस आया और तभी से सुरक्षा एजेंसियों की हिरासत में है।
लालच देकर लुभाता है आईएसआईएस
आईएसआईएस दुष्प्रचार और प्रलोभनों के जरिए दुनिया भर से मुस्लिम युवाओं को आईएस में शामिल होने के लिए आकर्षित करता है।
इसमें से एक प्रलोभन यह भी होता है कि आईएसआईएस में शामिल होने के बाद उन्हें सीरिया की खूबसूरत महिलाओं से शादी करने का भी मौका मिलेगा।
आरिब ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि युवाओं को लुभाने के लिए आईएसआईएस सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी करता है।
गौरतलब है कि आरिब और उसके दोस्तों के आईएसआईस ज्वॉइन करने की खबर पिछले साल आई थी। इसके कुछ ही हफ्तों बाद खबर आई थी कि इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हुए हवाई हमले में आरिब की मौत हो गई है।