पीएम का निर्देश, मंत्री, सांसद और विधायक भी देंगे अपने बैंक खातों का हिसाब
नोटबंदी अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है और चाहे-अनचाहे यह आगामी चुनावों में भी असरदार हो इससे इन्कार नहीं किया जा सकता।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नोटबंदी के जरिए काले धन के खिलाफ लड़ाई के बाद अब भाजपा व्यक्तिगत छवि को भी आधार बनाकर मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को निर्देश दिया है कि नोटबंदी के दिन 8 नवंबर से 31 दिसंबर तक के बैंक खाते की पूरी जानकारी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को दें। यह पूरी जानकारी एक जनवरी को देनी होगी। जाहिर है कि अब विपक्ष पर दबाव होगा। हालांकि पार्टी सांसदों को यह सुनिश्चित करने का बीड़ा सौंपा गया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में हर व्यापारी वर्ग को डिजिटल पेमेंट के बारे में समझाएं और विपक्ष की ओर से फैलाई जा रही अफवाहों को दूर करें। उन्हें अगले मंगलवार तक केंद्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी देनी होगी।
विपक्ष के लिए बढ़ाई चुनौती
नोटबंदी अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है और चाहे-अनचाहे यह आगामी चुनावों में भी असरदार हो इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। विपक्ष की ओर से यह आरोप लगाया जाता रहा है कि भाजपा के नेताओं को पहले से नोटबंदी की जानकारी थी। ऐसे में मंगलवार को मोदी ने विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। पार्टी की संसदीय दल की बैठक में उन्होंने कहा, 'सभी नेता अपने-अपने बैंक खाते की जानकारी अध्यक्ष को सौंपें।' उन्होंने कहा कि नई स्कीम के जरिए आने वाला पैसा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के खाते में न सिर्फ जमा होगा बल्कि उसकी पाई-पाई गरीबों के लिए ही खर्च होगी। उन्होंने विपक्ष को भी जवाब दिया जो यह आरोप लगा रहे हैं कि 50 फीसद देकर काला धन सफेद करने का मौका दे दिया गया है। पीएम ने कहा, 'यह काले धन को सफेद करने का मामला नहीं है बल्कि काले धन को गरीबों के हित में परिवर्तित करने का माध्यम है।' उन्होंने सांसदों के माध्यम से ही देश को यह संदेश भी दिया कि कोई काला धन बचा कर नहीं रख सकता। उन्होंने कहा, 'मैं इस देश को नोटों की गड्डियों के नीचे नहीं दबने दूंगा. जितना नोट निकलेगा उतना नोट दबेगा।'
व्यापारियों पर नजर
नोटबंदी के कारण फिलहाल सबसे ज्यादा प्रभावित व्यापारी वर्ग हुआ है जो भाजपा का कमिटेड वोटर भी माना जाता है। प्रधानमंत्री इसे लेकर भी चिंतित दिखे। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने सांसदों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वह जमीन पर उतरें। आगामी सोमवार तक क्षेत्र के पंचायत, नगरपालिका व नगर निगम तक छोटे बड़े व्यापारियों तक पहुंचे और उन्हें डिजिटल बैंकिंग के बारे में बताएं। कोशिश यह करनी है कि वह प्रशिक्षित हों। ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से पहले ही अपील की है कि रोजाना दस परिवार को डिजिटल बैंकिंग के विकल्पों के बारे में जानकारी दें। सरकारी स्तर से जहां प्रयास हो रहा है वहीं संघ परिवार ने भी इसके लिए कमर कस ली है।
मंगलवार को संसदीय दल की बैठक में केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल ने भी डिजिटल बैंकिंग पर प्रजेंटेशन दिया। जबकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने ग्रामीण क्षेत्रों के प्रति सचेत किया। उन्होंने कहा, शहरी इलाकों में अफवाह का जोर ज्यादा नहीं चल सकता है। लेकिन गांवों में सतर्क रहें। लोगों को जानकारी दें और प्रशिक्षित करें।
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