महबूबा ने पत्थरबाजों पर दर्ज मामले वापस लेने का किया एलान
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में पहली बार लिप्त पाए गए युवकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का एलान किया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा के सुझाव के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर अमल करते हुए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में पहली बार लिप्त पाए गए युवकों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का एलान कर दिया। महबूबा ने कहा कि विश्वास बहाली की ओर यह पहला कदम है। इससे कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बातचीत की प्रक्रिया व उपयुक्त माहौल बनाने की केंद्र सरकार की संकल्पबद्धता और मजबूत होगी।
कश्मीर में विश्वास बहाली की ओर यह पहला कदम
महबूबा ने ट्विटर पर लिखा कि पहली बार पत्थरबाजी में लिप्त पाए गए लड़कों के खिलाफ एफआइआर वापस लेने की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करते हुए मुझे बहुत तसल्ली हो रही है। मेरी सरकार ने यह प्रक्रिया बीते साल मई, 2016 में भी शुरू की थी, लेकिन जुलाई, 2016 में पैदा हुई कानून- व्यवस्था की स्थिति के चलते यह प्रक्रिया अधर में लटक गई थी। अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने आगे लिखा कि यह प्रक्रिया पत्थरबाजी के मामलों में पकड़े गए लड़कों व उनके परिजनों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है। इससे इन लोगों को अपना जीवन सुधारने का एक और मौका मिला है।
उन्होंने लिखा कि यह अत्यंत उत्साहवर्धक है कि वार्ताकार ने एक सकारात्मक कदम से अपने मिशन की शुरुआत की। उनकी सिफारिशों को राज्य व केंद्र सरकार गंभीरता से ले रही है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय वार्ताकार की सिफारिश के आधार पर वादी में पहली बार पत्थरबाजी में लिप्त युवकों के खिलाफ 4500 से ज्यादा मामले वापस लिए जाएंगे। कश्मीर घाटी में बीते साल आतंकी बुरहान की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान पत्थरबाजों के खिलाफ 11500 मामले दर्ज किए गए। इनमें 4500 से ज्यादा मामले उन किशोरों के खिलाफ हैं जो पहली बार पत्थरबाजी में लिप्त पाए गए हैं।बता दें कि वार्ताकार इसी माह की शुरुआत में कश्मीर आए थे। उनके साथ मिले कश्मीर के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे पत्थरबाजी के आरोप में पकड़े गए युवकों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का आग्रह किया था।
पहले भी पत्थरबाज होते रहे हैं रिहा यह पहला मौका नहीं है जब जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों के लिए माफी का एलान हुआ हो। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कार्यकाल में 2009 और 2010-11 के दौरान भी राज्य सरकार ने ऐसे सभी पत्थरबाजों के खिलाफ मामले वापस लेने व उनके लिए आम माफी का एलान किया था, जो नाबालिग थे या फिर पहली बार पत्थरबाजी में लिप्त पाए गए थे।