माता वैष्णो देवी को नहीं मिलेगा शयन का समय, विधान परिषद में प्रस्ताव खारिज
माता वैष्णो देवी को रात के समय शयन का समय नहीं मिलेगा। सोमवार को विधान परिषद में ये प्रस्ताव खारिज हो गया।
राज्य ब्यूरो, (श्रीनगर)। श्री माता वैष्णो देवी को रात के समय शयन का समय दिए जाने का प्रस्ताव सोमवार को विधान परिषद में खारिज हो गया। सरकार के विरोध एवं सदस्यों की ओर से धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किए जाने के आग्रह पर विधान परिषद के कांग्रेस सदस्य जुगल किशोर शर्मा ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया।
विधान परिषद में अपने प्रस्ताव पर जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि रात्रि के समय मंदिरों में भगवान को शयन करवाया जाता है, जो शास्त्रों में भी बताया गया है। हिमाचल में ज्वाला देवी, केदारनाथ, जम्मू में बावे वाली माता, तिरूपति बालाजी में देवी-देवताओं को शयन करवाया जाता है या मंदिर के किवाड़ कुछ देर के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसी तरह माता वैष्णो देवी भवन में भी शयन का समय होना चाहिए और इस दौरान पवित्र गुफा को बंद रखा जाना चाहिए। इस बारे में संस्कृत के विद्वानों समेत अन्य समाज के लोगों से राय ली जानी चाहिए।
सरकार की ओर से सांस्कृतिक राज्य मंत्री प्रिया सेठी ने जवाब में कहा कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य एवं संस्कृत विद्वान डॉ. विश्वमूर्ति शास्त्री के मुताबिक सिद्ध पीठ जिनमें माता वैष्णो देवी की गुफा में प्राकृतिक पिंडियों के स्वरूप में माता काली, महालक्ष्मी और माता सरस्वती विराजमान हैं, वहां रात्रि शयन की आवश्यकता नहीं है। जिन मंदिरों में भगवान की मूर्ति स्थापित कर उनमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है वहां पर रात्रि शयन करवाए जाने की विधि है।
पीडीपी के सुरेंद्र चौधरी एवं भाजपा के रमेश अरोड़ा ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि राजनीतिक लोगों का फर्ज है कि धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करें। अलबत्ता, उन्होंने सुझाव दिया कि संस्कृत विद्वानों एवं शंकराचार्यो से परामर्श किया जा सकता है। सदस्यों के आग्रह पर कांग्रेस सदस्य जुगल किशोर शर्मा ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया।
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