यह मसाज जानलेवा है, एक छोटी सी गलती कहीं छीन न ले आप की खुशी
आम तौर पर लोग अपने आपको तरोताजा रखने के लिए मसाज कराते हैं। लेकिन नासमझी में कराया गया मसाज जानलेवा हो सकता है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। एक छोटी सी गलती या भूल किस तरह से आपको जीवनभर की खुशी से महरूम कर सकती है। इसका सहज अंदाजा सोहन (बदला हुआ नाम) के परिवार में हुए हादसे से लगाया जा सकता है। सोहन की जिंदगी में सबकुछ सामान्य था। लेकिन बैडमिंटन के खेल में लगी चोट ने न केवल उसकी जिंदगी लील ली बल्कि उसके पूरे परिवार को गम के उस सागर में ढकेल दिया जहां अब सिर्फ और सिर्फ अपने आप को कोसने के सिवाए कुछ बचा नहीं है। सोहन की मां ने अपने लाडले बेटे को दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए हरसंभव कोशिश करती रही। उसने अपने बेटे के चोटिल पैर में ऑयल मसाज की लेकिन वो मसाज राहत की जगह आफत लेकर आया। जिस परिवार को अपने लाडले की सलामती की चिंता थी अब वो इस दुनिया में नहीं है। आइए आप को बताते हैं कि सोहन के साथ क्या हुआ था।
टाइम लाइन
5 सितंबर 2016- सोहन (बदला नाम) को बैडमिंटन खेलते समय बाएं एड़ी में चोट लगी। सोहन को डॉक्टरों ने आराम की सलाह दी।
26 सितंबर 2016- आराम नहीं मिलने के बाद सोहन के बाएं पैर में प्लास्टर लगाया गया।
24 अक्टूबर 2016- सोहन के पैर से प्लास्टर हटाया गया। लेकिन दर्द से उसे छुटकारा नहीं मिला। टेस्ट करने के बाद ये पता चला कि उसकी नस में खून के थक्के बन गए हैं।
31 अक्टूबर 2016- सोहन की मां ने उसरे बाएं एड़ी की मसाज की। लेकिन उसका रक्त चाप घट गया और सांस लेने में दिक्कत आने लगी। आनन-फानन में सोहन को एम्स ले जाया गया लेकिन डॉक्टर उसे बचाने में नाकाम रहे।
डॉक्टर का क्या है कहना
एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक प्रत्येक 10 हजार लोगों में करीब 70 लोगों में डीप वेन में थक्कों के बनने की शिकायत आती है। ये परेशानी खास तौर से उन लोगों में होती है जिन्हें किसी तरह की चोट लगी होती है, या उनके हाथों या पैरों में गतिशीलता की कमी होती है। इसके अलावा उन लोगों में थक्का बनने की दिक्कत आ सकती है जो मोटापे का सामना कर रहे होते हैं। चेन स्मोकर और सांसों की दिक्कतों से जूझ रहे लोगों में खून के थक्के बनने का खतरा रहता है।
एम्स के प्रोफेसर का कहना है कि किसी नौसिखिए ये मसाज कराने से हमेशा बचना चाहिए। दबाव के साथ मसाज करने से डीप वेन थ्रांबोसिस का खतरा बढ़ जाता है और ये जिंदगी के लिए खतरा बन सकता है।
सोहन की दिक्कत को हाल ही में मेडिको लीगल जर्नल में छापा गया है। इसमें बताया गया है कि मसाज को आम तौर पर शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए किया जाता है। लेकिन सोहन के मामले में मसाज उस वक्त की गई जब वो दर्द की समस्या से जूझ रहा था। जर्नल में डॉक्टरों की लापरवाही का भी जिक्र किया गया है। मेडिको-लीगल जर्नल के मुताबिक डॉक्टरों ने मसाज नहीं करने की सलाह नहीं दी थी, जबकि उन्हें साफ तौर से इसके बारे में मरीज और उसके परिवार को बताना चाहिए था।
क्या है डीप वेन थ्रोमबोसिस
आंखों के आगे अंधेरा छा जाना या किसी भी शरीर के किसी अंग में सुन्नपन ये सब शरीर के किसी भी भाग में खून के थक्के होने के कारण होता है डीप वेन थ्रोमबोसिस (डीवीटी) बीमारी शरीर की नसों में खून जमने की है। ये ब्लड क्लॉट आम तौर पर पैरों की नसों में पाए जाते हैं। हालांकि ये एक बहुत ही आम बीमारी है लेकिन अनदेखी करने पर थ्रोमबोसिस जानलेवा भी हो सकती है। जब कोई नस काम करना बंद कर देती है तो हमारे शरीर में एक चेन रियेक्शन होता है जिसके अंत में खून के थक्के जमने लगते हैं जिससे इंसान का खून बहना बंद हो जाता है। जिसे थ्रोमबोसिस नाम की ये बीमारी होती है उसके शरीर में खून को जमाने वाले इस किण्वक की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है।
किन लोगों पर होता है असर
खून के थक्के ज्यादातर उन लोगों में पाये जाते हैं जिनका सारा दिन किसी एक स्थान या दफ्तर में लगातार बैठकर काम करते हैं। हालत यह है कि भोजन पानी भी अपनी टेबल पर ही करते हैं। बेशक, आप ऐसा काम की अधिकता या फिर वक़्त बचाने के लिए करते हैं, लेकिन यह सब आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आपकी दिनचर्या ऐसी ही है तो आपको इसे फौरन बदलने की जरूरत है। इस तरह की दिनचर्या अपनाने से खून का थक्के जमने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
खून के थक्के के लक्षण
खून के थक्के जमने के एक साथ कई लक्षण हो सकता है। मस्तिष्क के ऊतकों ऑक्सीजन के अभाव में मरीज जल्दी मर जाता है।
-अचानक कमजोरी या चेहरे के सुन्नता, हाथ या पैर या विशेष रूप से शरीर के एक तरफ।
-अचानक भ्रम की स्थिति।
-भाषण और समझ के साथ अचानक समस्या।
-एक या दोनों आंखों में देखकर अचानक मुसीबत।
-अचानक चक्कर आना, चलने के साथ समस्या, संतुलन या समन्वय का नुकसान।
-अज्ञात कारण से अचानक तेज सिरदर्द।
खून के थक्के की रोकथाम
खून के थक्के जमने की संभावना को कम करने के लिए, इन उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- अधिक फल खाएं, सब्जियों, अनाज नमक और वसा की तय सीमा में सेवन करें।
- धूम्रपान जल्द से जल्द छोड़ देना चाहिए।
- केवल कम मात्रा में शराब पीना (50-100 दिन प्रति मिली)।
- एक स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- ब्लड प्रेशर की नियमित जांच और डॉक्टर की सिफारिशों का पालन।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह।
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