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कई छोटे शहर बनेंगे स्मार्ट सिटी

शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नामित शहरों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में लखनऊ, रांची, मुंबई, जयपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, गांधीनगर और गुवाहाटी जैसे शहर शामिल हैं। इसमें उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा 13 शहरों को जगह मिली है।

By Test1 Test1Edited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 09:08 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 09:48 PM (IST)
कई छोटे शहर बनेंगे स्मार्ट सिटी

नई दिल्ली। शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नामित शहरों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में लखनऊ, रांची, मुंबई, जयपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, गांधीनगर और गुवाहाटी जैसे शहर शामिल हैं। इसमें उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा 13 शहरों को जगह मिली है। इन शहरों को स्मार्ट सिटी में बदला जाएगा। चुनावी समर में कूदने जा रहे बिहार की राजधानी पटना को सूची में जगह नहीं मिली है। शिमला भी इस लिस्ट में नहीं है। लेकिन धर्मशाला सौ स्मार्ट शहरों में शुमार हो गया है।

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फिलहाल इस सूची में 98 शहरों को स्थान दिया गया है। दिल्ली समेत सभी केंद्र शासित प्रदेश इस सूची का हिस्सा बने हैं। इसके अलावा कुछ कम मशहूर शहरों और नगरपालिका क्षेत्रों का नाम भी सूची में शामिल है। ऐसे शहरों में बिहार में बिहार शरीफ, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और सहारनपुर, हिमाचल में धर्मशाला, कर्नाटक में शिवमोगा को राज्यों की ओर से नामित किया गया है। पटना के अलावा कोलकाता और बेंगलुरु को भी इसमें नहीं रखा गया है। शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कुछ बड़े शहरों को चयन की शर्तें को पूरा नहीं करने के कारण लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।

नामित होने वाले सभी 100 शहरों को स्मार्ट सिटी प्लान तैयार करना होगा। इन शहरों के प्लान को सिटी चैलेंज कंपटीशन के दूसरे चरण में कसौटी पर कसा जाएगा। इस चरण के मूल्यांकन में सफल रहे शहरों में से प्रत्येक को चालू साल में केंद्र से 200 करोड़ रुपये मिलेंगे। अगले दो सालों में 40-40 शहरों को चुना जाएगा। सौ स्मार्ट शहरों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

सुस्त रवैये से बाहर निकले : वेंकैया

शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि इन शहरों का चुनाव पिछले दौर की सुस्ती और चलताऊ रवैये के उलट है। यह राज्यों की चुस्ती को दिखलाता है कि वे कितनी तेजी से अपने शहरों में बदलाव करना चाहते हैं। ऐसे में हम पहले बैच के शहरों के प्रस्तावों की छानबीन का काम इस माह के अंत तक पूरा कर लेंगे।

उद्देश्यों के आधार पर चयन

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यों को कुछ उद्देश्यों को ध्यान में रखकर चुना गया है। उन शहरों को चुना गया है, जिनमें परियोजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने और अपने संसाधन पैदा करने की क्षमता है। हर नगरपालिका क्षेत्र के मूल्यांकन के लिए शर्तों पर चर्चा की गई और राज्यों के परामर्श से इसे अंतिम रूप दिया गया। यह पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा की दिशा में एक कदम है जहां कोई भी चयन प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकता है।

और शहर भी हो सकते हैं शामिल

मंत्रालय इस पर गौर कर रहा है कि क्या और शहर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किए जा सकते हैं, जिससे अधिकतर शहरों को लाभ मिले। साथ ही, नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार हो। अधिकारियों ने बताया कि परियोजना तभी सफल हो सकती है जब राज्य सहयोग करेंगे, लेकिन केंद्र सरकार उन सभी नामों को मंजूरी देगी जो उनके द्वारा भेजे जाएंगे। जो शहर जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी पुनर्नवीकरण मिशन यानी जेएनएनयूआरएम स्कीम के तहत कई बार समय विस्तार मिलने के बावजूद भी परियोजना को पूरा नहीं कर सके हैं, उन्हें इस मुकाबले से बाहर रखा गया है। दिशानिर्देशों के अनुसार स्कीम का मकसद है उन शहरों को प्रमोट करना है, जो बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान कर सकें।

ये शहर बनेंगे स्मार्ट

लखनऊ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बिहार शरीफ, रांची, धर्मशाला, मुंबई, जयपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, गांधीनगर और गुवाहाटी।

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