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मनमोहन ने कहा देश को भुगतने पड़ेंगे नोटबंदी के आर्थिक दुष्परिणाम

उन्होंने नोटबंदी को आर्थिक आपदा करार देते हुए कहा कि इसे देश की विकास की रफ्तार 6 फीसद से भी नीचे आएगी।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 11 Jan 2017 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2017 09:01 PM (IST)
मनमोहन ने कहा देश को भुगतने पड़ेंगे नोटबंदी के आर्थिक दुष्परिणाम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में नोटबंदी को गलत ठहराने के अपने रुख को दोहराते हुए फिर कहा है कि इसके आर्थिक दुष्परिणाम अभी देश को और भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने नोटबंदी को आर्थिक आपदा करार देते हुए कहा कि इसे देश की विकास की रफ्तार 6 फीसद से भी नीचे आएगी।

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वहीं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया कि 8 नवंबर की जिस कैबिनेट बैठक में नोटबंदी का फैसला लेने की बात कही गई है उसका कोई रिकार्ड ही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के इतने बड़े आर्थिक फैसले का कैबिनेट रिकार्ड नहीं होना जाहिर करता है कि किस तरह नोटबंदी को सरकार ने तमाशा बना दिया।

मनमोहन सिंह ने कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में नोटबंदी के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार के फैसले को आर्थिक आपदा बताया। पचास दिनों के बाद देश की स्थिति सुधरने के सरकार के दावों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को देश की जनता को यह बताना चाहिए कि नोटबंदी से आर्थिक विकास की गाड़ी चौतरफा थम गई है।

मनमोहन और चिदंबरम दोनों ने कहा कि जीडीपी की विकास दर का अनुमान पहले ही घट चुका है और नोटबंदी के बाद इसके 6 फीसद नीचे जाने का खतरा है। उनका कहना था कि इसकी वजह से संगठित और असंगिठत क्षेत्र दोनों में रोजगार छीन रहे हैं। किसानों और मजदूरों के लिए भी आर्थिक मुसीबतें आने वाली हैं। चिदंबरम ने इस दौरान रिजर्व बैंक की साख को गिराने का सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कभी भी इतिहास में देश के शीर्ष बैंक की विश्र्वसनीयता सवालों के कठघरे में इससे पहले नहीं थी।

नोटबंदी पर चिदंबरम की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव में कालेधन पर लगाम के लिए 500 और 1000 रुपए के नोट पर पाबंदी के फैसले पर यह कहते हुए सवाल उठाया गया है कि जब यही बात थी तो फिर 2000 रुपए का नोट क्यों जारी किया गया। इसकी वजह से नोटबंदी के दौरान कालेधन को सफेद किया गया। इस प्रस्ताव में नोटबंदी के जरिए आम आदमी की दो महीने से जारी मुसीबतों के लिए पूरी तरह सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया है।

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