मुझे आवाम की चिंता है जिन्हें आम की चिंता है, उन्हें रहेः नीतीश
बिहार में नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी के बीच राजनीति के साथ साथ हर तरह की रस्साकशी जारी है। दोनों एक दूसरे को पटखनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ते। मांझी के निवास में लगे पेड़ से फल तोड़ने से रोकने के मामले में नीतीश और मांझी के बीच आरोप
नई दिल्ली। बिहार में नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी के बीच राजनीति के साथ साथ हर तरह की रस्साकशी जारी है। दोनों एक दूसरे को पटखनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ते। मांझी के निवास में लगे पेड़ से फल तोड़ने से रोकने के मामले में नीतीश और मांझी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
मांझी ने कहा है कि यह नीतीश कुमार की घटिया मानसिकता है, दलित समुदाय के लोग फल न खा पाएं इस लिए नीतीश ने यह काम किया है। उन्होंने कहा कि जब लालू इस घर में रहते थे तो क्या उस समय एेसी सुरक्षा व्यवस्था थी यहां। उधर, नीतीश ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें आवाम की चिंता है, जिन्हें आम की चिंता है उन्हें रहे।
बाताया गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दर्जन पुलिसकर्मियों को मांझी के आवास पर लगे पेड़ों की सुरक्षा में लगा दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि जीतनराम मांझी और उनके परिवार के लोग आवास परिसर में लगे फल और सब्जियां न तोड़ पाएं।
गौरतलब है कि एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में आम और लीची के कई पेड़ हैं, साथ ही काफी सब्जियां भी बोई गई हैं। यह घर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अब तक खाली नहीं किया है। लिहाजा नीतीश कुमार ने यहां पुलिसकर्मियों की फौज तैनात कर दी है ताकि मांझी का परिवार फल-सब्जियां न तोड़ सके। इस काम में 8 सब-इंस्पेक्टर और 16 कॉन्स्टेबल लगाए गए हैं।
मांझी ने कुछ समय पहले जेडीयू से अलग होकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का गठन किया था। उनकी पार्टी के प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने आरोप लगाया कि नीतीश को जनता से ज्यादा फलों और सब्जियों की चिन्ता है। उन्होंने कहा कि एक अणे मार्ग में मांझी को रहने के लिए आवास के सिवा कोई अन्य सुविधा नहीं दी जा रही है। उनका फोन और केबल कनेक्शन पहले ही काटा जा चुका है। अब दर्जनों जवानों का पहरा लगवा कर आवास में फल और सब्जियों से भी मांझी को महरूम किया जा रहा है।