लंबा इंतजार और आखिरकार टीम इंडिया में मिली जगह
आइपीएल में भारतीय खिलाड़ी के तौर पर पहला शतक लगाने वाले 25 वर्षीय मनीष पांडे को सात वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार टीम इंडिया में जिम्बाब्वे दौरे के लिए चुन लिया गया। मनीष पांडे मध्यक्रम के आक्रामक बल्लेबाज के तौर पर बखूबी जाने जाते हैं साथ ही वो
नई दिल्ली, संजय सावर्ण। आइपीएल में भारतीय खिलाड़ी के तौर पर पहला शतक लगाने वाले 25 वर्षीय मनीष पांडे को सात वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार टीम इंडिया में जिम्बाब्वे दौरे के लिए चुन लिया गया। मनीष पांडे मध्यक्रम के आक्रामक बल्लेबाज के तौर पर बखूबी जाने जाते हैं साथ ही वो एक बेहतरीन फील्डर भी हैं। वर्ष 2008 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी और वर्ष 2015 में वो भारतीय टीम का हिस्सा बन गए हैं।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मनीष का प्रदर्शन
कर्नाटक के बल्लेबाज मनीष पांडे ने वर्ष 2008 में अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट की शुरुआत की थी और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका करियर शानदार रहा। उन्होंने 70 मैच खेले और 50.86 की बेहतरीन औसत से 4832 रन बनाए। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 15 शतक हैं और 218 रन उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है।
टी-20 क्रिकेट में मनीष का प्रदर्शन
टी-20 क्रिकेट में मनीष का औसत शायद लुभावना नहीं है मगर उनका अनुभव गजब का है। उन्होंने अपने करियर में अब तक 123 मैच खेले हैं जिसमें 25.83 की औसत से उनके नाम 2635 रन हैं। टी-20 क्रिकेट खास तौर से आइपीएल में शतक लगाने वाले वो पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। इस प्रारूप में 114 (नॉट आउट) उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। मनीष आइपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स, मुंबई इंडियंस और पुणे वॉरियर्स की तरफ से खेल चुके हैं जबकि फिलहाल वो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की तरफ से खेल रहे हैं।
गजब के फील्डर हैं मनीष
मनीष एक आक्रामक बल्लेबाज तो हैं ही साथ ही फिल्डिंग में भी उनका कोई जबाव नहीं है। फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 106 कैच पकड़े हैं जबकि टी -20 मैचों में उन्होंने 61 कैच पकड़े हैं। इन आंकड़ों से साबित हो जाता है कि बल्लेबाजों के लिए उनके करीब से शॉट निकालना आसान नहीं होने वाला।