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संसद हमले के दोषी अफजल गुरू का डेथ वारंट होगा सार्वजनिक

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ को संसद हमले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरू के डेथ वारंट को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। सीआईसी ने फांसी की तारीख के संबंध में अफजल के परिजन से किए गए पत्र व्यवहार की भी प्रतियां सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। 34 वर्षीय अफजल गुरू को दिसंबर 2001

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 08:25 PM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 07:24 AM (IST)

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ को संसद हमले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरू के डेथ वारंट को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। सीआइसी ने फांसी की तारीख के संबंध में अफजल के परिजन से किए गए पत्र व्यवहार की भी प्रतियां सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है।

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34 वर्षीय अफजल गुरू को दिसंबर 2001 में संसद पर हमले में दोषी ठहराने के बाद 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी। अपने सख्त आदेश में सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि इस मामले में किसी भी आरटीआइ आवेदन को रक्षा संबंधी धारा आठ का हवाला देकर खारिज नहीं किया जा सकता। आयुक्त ने आरटीआई आवेदक पारस नाथ सिंह को डेथ वारंट की प्रमाणित प्रति देने का भी आदेश दिया है।

आरटीआई आवेदक सिंह ने अफजल गुरू की फांसी के आदेश और वीडियो रिकॉर्डिग की प्रति मांगी थी। तिहाड़ जेल के प्रबंधन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इन्हें देने से इन्कार कर दिया था।

पढ़ें : अफजल गुरु के मामले में कब क्या हुआ..

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