पार्क स्ट्रीट गैंगरेप मामलाः 4 साल बाद मुख्य आरोपी कादर खान गिरफ्तार
पार्क स्ट्रीट गैंगरेप मामले के 4 चार साल बाद मुख्य आरोपी कादर खान को कोलकाता पुलिस ने ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। इस आरोपी को कोलकाता पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से पकड़ा है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि
ग्रेटर नोएडा, एएनआई। पार्क स्ट्रीट गैंगरेप मामले के 4 चार साल बाद मुख्य आरोपी कादर खान को कोलकाता पुलिस ने ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। इस आरोपी को कोलकाता पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से पकड़ा है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस की विशेष टीम ने दिल्ली पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में कल रात ग्रेटर नोएडा के एक अपार्टमेंट से कादेर और उसके साथ अली खान को गिरफ्तार कर लिया।
कोलकाता पुलिस के सूत्रों ने बताया कि दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर शहर लाया जाएगा और संभवत कल स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। दो बच्चों की मां से 5 व्यक्तियों ने छह फरवरी 2012 को सामूहिक बलात्कार किया था। उन्होंने पीडि़ता को पार्क स्ट्रीट इलाके के एक नाइट क्लब से घर छोडऩे की पेशकश की थी।
उन्होंने कहा कि एक सूचना पर कार्रवाई करते हुए कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने कादेर की मोबाइल कॉल्स पर नजर रखनी शुरू कर दी थी। वह घटना के बाद से ही फरार था। जैसे ही उसका स्थान नई दिल्ली के पास कहीं का पता चला वैसे ही उसे दबोचने के लिए पुलिस टीम सक्रिय हो गयी।
कोलकाता पुलिस आयुक्त के निर्देश पर कादेर को पकडऩे के लिए एक विशेष टीम गठित की गई थी। अधिकारी ने कहा कि हमारे पास जानकारी थी कि खान देश लौट आया है और कोलकाता में अपने परिवार से फोन पर लगातार बातचीत कर रहा है। हमने उनके नंबरों पर नजर रखनी शुरू की तो पाया कि कॉल्स नोएडा से एक खास नंबर से की जा रही थीं। हमने इस पर नजर रखनी शुरू की तो यह कादेर का नंबर निकला।
अधिकारी ने कहा कि मुख्य आरोपी ने नोएडा में फर्जी नाम से एक अपार्टमेंट किराये पर लिया था। यह पता चला था कि कादेर बांग्लादेश में छिपा हुआ था और पैसे खत्म होने के बाद वह नेपाल के रास्ते दिल्ली लौट आया।आईपीएस अधिकारी ने बताया कि तकरीबन एक हफ्ते तक उस पर निगरानी रखने के बाद दिल्ली और कोलकाता पुलिस की एक संयुक्त टीम ने कल रात उसके फ्लैट पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पीडि़ता ने घटना के कुछ दिन बाद जब शिकायत दर्ज कराई थी तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे मनगढंत मामला बताया था जिसके बाद विवाद हो गया था। कोलकाता पुलिस की तत्कालीन संयुक्त आयुक्त अपराध दमयंती सेन ने मामले की जांच की थी और पांच आरोपियों की पहचान की।
बाद में उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था। घटना के पांच में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि कादेर खान सहित दो फरार थे। वर्ष 2015 में पीडि़ता की दिमागी बुखार से मौत हो गई थी। शहर की सत्र अदालत ने उसकी मौत के कुछ महीने बाद रूमान खान, नासिर खान और सुमित बजाज को दोषी ठहराते हुए 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।
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