शिवसेना-भाजपा के मन अब भी नहीं मिले
महाराष्ट्र की भाजपानीत सरकार में शिवसेना शामिल भले हो गई हो, लेकिन उसका मन अभी भी भाजपा से मिलता नहीं दिख रहा है। नागपुर में राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले फड़नवीस सरकार में शामिल हुई शिवसेना के ज्यादातर मंत्री खुद को हल्का-फुल्का मंत्रालय मिलने से
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र की भाजपानीत सरकार में शिवसेना शामिल भले हो गई हो, लेकिन उसका मन अभी भी भाजपा से मिलता नहीं दिख रहा है। नागपुर में राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले फड़नवीस सरकार में शामिल हुई शिवसेना के ज्यादातर मंत्री खुद को हल्का-फुल्का मंत्रालय मिलने से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं।
ये मंत्री दबी जुबान में नौकरशाही से पर्याप्त सहयोग न मिलने की भी शिकायत करते सुने जाते हैं। संभवत: यही कारण है कि पिछले सप्ताह स्वयं नागपुर आए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एक पांच सितारा होटल में शिवसेना मंत्रियों व चुनिंदा वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक में चुनाव के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। हालांकि उद्धव ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह कब तक चुनाव की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन फड़नवीस सरकार में शिवसेना को अपेक्षित महत्त्व मिलने से वह असंतुष्ट बताए जा रहे हैं।
माना जा रहा था कि शिवसेना ने भाजपा सरकार का हिस्सा बन जाने के बाद देवेंद्र फड़नवीस अगले पांच वर्ष तक अपनी सरकार निष्कंटक चला सकेंगे। लेकिन शिवसेना में असंतोष के स्वर अभी से सामने आने लगे हैं। क्योंकि शुरू से उपमुख्यमंत्री सहित कुछ महत्वपूर्ण मंत्रालयों के लिए अड़ी रही शिवसेना को अंतत: भाजपा की ही शर्तों पर सरकार में शामिल होना पड़ा है।
पहली नजर में इसे भाजपा की जीत माना जा सकता है, लेकिन शिवसेना कैडर इसे अभी भी एक अपमानजनक सौदा मान रहा है। संभवत: शिवसैनिकों को इसी दबाव के देखते हुए उद्धव ठाकरे को जल्दी चुनाव की आशंका जतानी पड़ी है। अगले चुनाव में और बेहतर प्रदर्शन का आह्वान भी उद्धव ने शिवसैनिकों से किया है।