हाईकोर्ट का कानपुर के एसएसपी को हटाने का आदेश, हड़ताल वापस लेने की अपील
हाईकोर्ट का कानपुर के एसएसपी को हटाने का आदेश, डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में पांच दिन से चली आर रही डाक्टरों की हड़ताल का स्वत: संज्ञान लिया। हाईकोर्ट ने रा'य सरकार से कानपुर के एसएसपी यशस्वी यादव सहित डीआइजी व अन्य पुलिस कर्मियों को
लखनऊ। हाईकोर्ट का कानपुर के एसएसपी को हटाने का आदेश, डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में पांच दिन से चली आर रही डाक्टरों की हड़ताल का स्वत: संज्ञान लिया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कानपुर के एसएसपी यशस्वी यादव सहित डीआइजी व अन्य पुलिस कर्मियों को हटाने के साथ ही प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, एसजीपीजीआई के निदेश व केजीएमयू के कुलपति से तीन हफ्ते में मांगी मामले की जांच रिपोर्ट। हाईकोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील करने के साथ इस प्रकरण पर सरकार को आज वार्ता करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई दस मार्च को होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा तथा न्यायमूर्ति डीपी उपाध्याय की खंडपीठ ने पांच दिन से इलाज के अभाव में कराह रही जनता के दर्द का
स्वत: संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति द्वय ने डाक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील करने के साथ ही इस मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मामले की अविलंब जांच कराने के साथ ही कानपुर के डीआइजी, एसएसपी यशस्वी यादव तथा इंस्पेक्टर को हटाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण की जांच सेनानिवृत न्यायधीश वीके माथुर को सौंपी है। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य सहित एसजीपीजीआइ के निदेशक तथा किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति को इस प्रकरण पर तीन हफ्ते में अपनी जांच रिपोर्ट सौपनें को कहा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सभी डाक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है। कोर्ट ने कहा है कि सभी प्रकार की आकस्मिक सेवाओं को देखते हुए तुरंत काम पर लौटें।
हाईकोर्ट की अपील
हड़ताली डॉक्टर कामकाज पर लौटें
हाईकोर्ट के सरकार को निर्देश
- कानपुर के एसएसपी सहित डाक्टरों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों का गैर जनपद तबादला करें।
- सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता ने कहा कि आचार संहित के कारण तबादला नहीं किया जा सकता।
- हाईकोर्ट ने कहा कोर्ट के आदेश से आचार संहिता प्रभावित नहीं होती।
- सरकार ने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस आरएमएस चौहान को मामले की जांच सौंपी गई है।
- हाईकोर्ट ने कहा कि जांच हाईकोर्ट की निगरानी में होगी। तीन हफ्ते में पेश करें जांच रिपोर्ट।