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पुराने नोट से बीस हजार का भी कर्ज चुकाया है तो होगी जांच

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पांच लाख रुपये से ज्यादा राशि बैंक खातों में जमा करने वाले 18 लाख लोगों के बिंदुवार सत्यापन के लिए असेसिंग अधिकारियों के लिए मंगलवार को विस्तृत गाइडलाइन जारी की थी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 09:20 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 09:26 PM (IST)
पुराने नोट से बीस हजार का भी कर्ज चुकाया है तो होगी जांच

नई दिल्ली, प्रेट्र । नोटबंदी के बाद अगर आपने पुराने नोट खपाने के लिए कर्ज चुकाने में 20 हजार रुपये से ज्यादा राशि का इस्तेमाल किया है तो आयकर विभाग इसकी जांच कर सकता है और अघोषित नकदी होने पर दंडात्मक कार्रवाई के अलावा 100 फीसद तक जुर्माना लगा सकता है।

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पांच लाख रुपये से ज्यादा राशि बैंक खातों में जमा करने वाले 18 लाख लोगों के बिंदुवार सत्यापन के लिए असेसिंग अधिकारियों के लिए मंगलवार को विस्तृत गाइडलाइन जारी की थी। गाइडलाइन के अनुसार अगर सत्यापन के दौरान नकदी के जरिये लोन खातों में लेनदेन करने और कर्ज चुकाने के लिए 20 हजार रुपये से ज्यादा भुगतान किये जाने की जानकारी मिलती है तो अधिकारी नियम के मुताबिक अलग से दंडात्मक कार्रवाई शुरू करने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि सत्यापन के दौरान कर्ज का भुगतान करने या प्राप्त करने की जानकारी मिलती है तो तय प्रक्रिया के तहत पहले अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से करदाता से विवरण हासिल करेगा। इन लेनदेनों में कोई गड़बड़ी मिलने पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारी ने कहा कि कर्ज के लेनदेन या अदायगी में इस्तेमाल हुए बैंक खातों के धारकों पर तय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होगी जिससे कर चोरी रोकी जा सके और करदाताओं का किसी भी तरह उत्पीड़न भी न हो। हालांकि इस तरह की जांच में नकदी आधारित लेनदेन के कुछ मामले अपवाद स्वरूप जांच के दायरे से बाहर रहेंगे। इनमें कृषि आय व कुछ अन्य के मामले शामिल होंगे।

इस प्रावधान पर आयकर पूर्व आयकर आयुक्त व कर अधिवक्ता सुदेश गर्ग ने कहा कि इस तरह के प्रावधानों का मकसद कारोबार में नकदी का दुरुपयोग रोकने के लिए होते हैं। इन मामलों में दंडात्मक कार्रवाई सही लेनदेन करने वालों पर कभी नहीं की जाती है।

बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट में 55 करोड़ की संपत्ति अटैच

नोटबंदी के बाद लागू किये गये नये बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट के तहत अब तक देशभर में कुल 230 मामले दर्ज किये गये हैं और 55 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की गई है। यह कानून पिछले साल एक नवंबर को प्रभावी हुआ था। इसमें भारी जुर्माने के अलावा सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

आयकर विभाग से प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य फरवरी तक विभाग ने इस कानून के तहत कुल 230 मामले पकड़े और केस दर्ज किये। 140 मामलों में प्रॉपर्टी अटैच करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किये गये। इन संपत्तियों की कुल कीमत 200 करोड़ रुपये है। रिपोर्ट के अनुसार 124 मामलों में 55 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थाई रूप से अटैच की जा चुकी है। अटैच की गई संपत्तियों में बैंक के जमा खाते, कृषि व अन्य जमीनें, फ्लैट, ज्वैलरी और दूसरी वस्तुएं शामिल हैं। नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने विज्ञापन देकर लोगों को पुराने नोट के रूप में अघोषित नकदी किसी और अन्य व्यक्ति के खाते में जमा करने पर चेतावनी दी थी।

70 साल की उम्र वालों को पांच लाख तक जमा पर जांच से छूट

नोटबंदी के बाद अगर 70 साल से ज्यादा उम्र के किसी व्यक्ति ने पांच लाख रुपये से ज्यादा नकदी बैंक खाते में जमा कराई है तो आयकर विभाग कोई आगे जांच नहीं करेगा। आम लोगों के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपये तय है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हम हर उस व्यक्ति की जांच करने नहीं जा रहे हैं जिसने नोटबंदी के बाद नकदी बैंक में जमा कराई है। आयकर विभाग की जांच के लिए बिल्कुल स्पष्ट सीमा तय की गई है। शुरुआत में सत्यापन किया जा सकता है लेकिन हर किसी की आगे कोई जांच और असेसमेंट नहीं होगा।


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