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कैब की तरह देख सकेंगे डीटीसी बस की लोकेशन

दिल्ली परिवहन निगम की बसों की लोकेशन को अब कैब की तरह देखा जा सकेगा।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sat, 18 Feb 2017 09:52 PM (IST)Updated: Sun, 19 Feb 2017 02:22 AM (IST)
कैब की तरह देख सकेंगे डीटीसी बस की लोकेशन

आशुतोष झा, नई दिल्ली। मोबाइल एप आधारित कैब सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों की तर्ज पर आने वाले समय में लोग डीटीसी बसों की लोकेशन भी देख सकेंगे। इतना ही नहीं बस में सफर के दौरान कंडक्टर से टिकट लेने की जरूरत नहीं होगी। मोबाइल से ही निर्धारित दूरी व स्टॉप तक का ई टिकट भी खरीदने की सुविधा होगी। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को गंभीरता के साथ इस योजना पर काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने वाली डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। इसका मुख्य कारण है निर्धारित रूट पर चलने वाली बसों के बारे में यात्रियों को सही जानकारी नहीं मिलना। बस स्टैंड पर खड़े यात्री को यह पता नहीं होता कि अमूक रूट नंबर की बस अभी कहां है और कितनी देर में यहां पहुंचेगी। जिसे देखते हुए विभाग अब मोबाइल एप पर बसों का लोकेशन उपलब्ध कराने की तैयारी में है।

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एप आधारित कैब सेवा प्रदान करने वाली निजी कंपनियों की तर्ज पर डीटीसी बसों के लोकेशन तथा टिकट लेने की सुविधा के बारे में दिल्ली के परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन को सुझाव मिला तो उन्होंने भी इसे पसंद किया। तकनीकी रूप से लोकेशन पता करने के लिए बसों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) होना जरूरी है। दिसंबर 2012 में वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद से ही डीटीसी बसों में जीपीएस लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। अब तकरीबन अधिकांश बसों में लग चुकी है।

इसके अलावा क्लस्टर सेवा के तहत जो बसें चल रही हैं इन बसों में जीपीएस पहले से लगी हुई है। जिसकी मॉनिटरिंग भी होती है। लेकिन इसे आम लोग नहीं देख सकते। प्रयोग के तौर पर कुछ बस स्टैंड पर पब्लिक इन्फॉर्मेशन डिसप्ले बोर्ड लगाए गए थे, लेकिन इसमें कुछ खास सफलता नहीं मिली। क्योंकि तब डीटीसी बसों में जीपीएस नहीं लगे थे।

डीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं मोबाइल पर बसों की लोकेशन बताने के लिए अब एप्लीकेशन लगाए जाएंगे। इससे यात्रियों को काफी सुविधा होगी। अभी बस में सफर करने वाले 10 फीसद लोगों को निर्धारित रूट पर चलने वाली बसों के टाइम टेबल का पता नहीं होता।

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बस के इंतजार में औसतन रोजाना बेकार होता है 70 मिनट

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा कराए गए एक सर्वे रिपोर्ट में के अनुसार प्रतिदिन बस में सफर करने वाले हर शख्स का बस स्टैंड पर इंतजार करते हुए औसतन करीब 70 मिनट का समय बेकार होता है। यहीं नहीं दिल्ली में एक हजार लोगों के हिस्से महज आधी बस आती है। यानि यातायात जाम से बचने के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर जोर देने वाले शहर में दो हजार लोगों के लिए महज एक बस सड़कों पर दौड़ रही है। बावजूद समय पर बसें नहीं मिलती हैं।


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