योगासनों से बदल गई जीवन की दशा और दिशा
मधुमेह होने के बाद दवाओं की जगह योगासनों का लिया सहारा, अब अन्य लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं 75 वर्षीय राजनारायण...
फरीदाबाद (अनिल बेताब)। बहुत से लोग बीमार होने पर सिर्फ दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन शहर के पॉश क्षेत्र इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग राजनारायण शर्मा योग को बीमारियों से मुक्ति का माध्यम बताते हैं। राजनारायण का योग से स्वस्थ होने का अपना निजी अनुभव भी है। एक वक्त था, जब वह मधुमेह से पीड़ित थे। योग करना शुरू किया तो मधुमेह से पूरी तरह निजात मिल गई। तब से उन्होंने लोगों को शिविर में योगासन शुरू कर दिया।
राजनारायण बताते हैं कि वर्ष 1993 में पता चला था कि वह मुधमेह से पीड़ित हैं। तब भी उन्होंने कोई दवा नहीं ली। योग करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनका शुगर लेवल कम होने लगा। 2005 में पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार से प्रशिक्षण लेकर योग प्रशिक्षक बने। इसके बाद लगातार शिविरों का आयोजन कर लोगों को योग से जोड़ रहे हैं। वे बताते हैं कि उन्हें दिन में बार-बार पेशाब आता था तो मुधमेह की जांच कराई। तब खून में शुगर की मात्रा 450 मिलीग्राम थी। योगासन करना शुरू किया तो सुधार होने लगा। हाल में फिर मधुमेह की जांच कराई तो मात्रा 110 मिलीग्राम आई है। डाक्टरों के अनुसार स्वस्थ मनुष्य में 80 से 120 मिलीग्राम शुगर सामान्य माना जाता है।
मैं प्रतिदिन लगभग ढाई घंटे योग करता हूं। अनुलोम-विलोम तथा कपालभाति प्राणायाम पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है। यह मैंने स्वयं अनुभव किया है। नियमित रूप से योग करता हूं, सारा दिन फिट रहता हूं। मुझे इस बात की खुशी है कि कपालभाति प्राणायाम से मेरी बीमारी ठीक हुई है। योग से मधुमेह पर काबू पाया जा सकता है। मैं तो लोगों से भी यही कहूंगा कि बीमारियों से बचना है तो योग करें। मैं 75 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय रहता हूं।
- राजनारायण शर्मा, योग प्रशक्षिक, पतंजलि योगपीठ
संयमित खान-पान और नियमित व्यायाम से मधुमेह दूर हो सकता है। जीवनशैली पर ध्यान नहीं दिया गया तो मधुमेह सिरदर्द बन सकता है।- डॉ.गुलशन अरोड़ा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, फरीदाबाद
यह भी पढ़ें : गोमूत्र से बना कीटनाशक करेगा कीटों का नाश