सांप्रदायिकता के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे वामपंथी दल
भाजपा के लगातार बढ़ते प्रभाव के बीच वामपंथी दलों ने अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का फैसला किया है
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा और संघ परिवार के लगातार बढ़ते प्रभाव के बीच अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्षरत वामपंथी दलों ने अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का फैसला किया है। माकपा, भाकपा सहित छह वामपंथी दलों ने सांप्रदायिकता के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है। इन दलों की शनिवार को हुई बैठक में लोगों की रोजमर्रा की दिक्कतों को भी आंदोलन का मुद्दा बनाने का निर्णय किया गया।
वैसे वामपंथी दलों की नई दिल्ली बैठक में उनके कुनबे का विस्तार हो गया। अब भाकपा-माले और एसयूसीआइ भी वाम मोर्चा का हिस्सा बन गए हैं। पहले इसमें माकपा, भाकपा, फारवर्ड ब्लॉक और आरएसपी ही शामिल थे। बैठक में 8-14 दिसंबर के बीच देश भर में आंदोलन छेड़ने का फैसला लिया गया। माकपा नेता प्रकाश करात ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार केवल कॉरपोरेट घरानों और हिंदूवादी ताकतों का हित साधने में ही व्यस्त है।
उसे आम जनता की दिक्कतों से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने आरएसएस पर शिक्षण संस्थाओं में घुसपैठ करने का आरोप लगाया। करात के अनुसार मोदी सरकार के कार्यकाल में आरएसएस पूरे देश में घृणा का माहौल पैदा करने के अपने एजेंडे को लागू करने में सक्रिय है।
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