मानसून सत्र: सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने बनाई संयुक्त रणनीति
मानसून सत्र के लिए विपक्ष ने 5 मुद्दे तय कर लिए हैं, जिसके जरिये एकजुट होकर वो सरकार को घेरेगा।
नई दिल्ली, एएनआई। संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। विपक्ष ने इस बार सरकार को घेरने के लिए संयुक्त रणनीति बनाई है। कांग्रेस की कोशिश है कि पूरा विपक्ष एकजुट होकर सरकार पर हमला बोले। वैसे सोमवार की पहली तस्वीर में विपक्ष बिखरा ही नजर आया, जब राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होगी तो जेडीयू एनडीए के पाले में नजर आया।
इसके बावजूद कांग्रेस को लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव एक अलग मसला है, बाकी मुद्दों पर विपक्ष की 18 पार्टियां एकमत हैं। इसके लिए विपक्षी पार्टियों ने तय भी किया है कि वो महीने में कम से कम एक बार जरूर मिला करेंगी, जिससे सरकार पर दबाव बनाने के लिए तय किये मुद्दों पर वो एकजुट दिखें। इसलिए मानसून सत्र के लिए विपक्ष ने 5 मुद्दे तय कर लिए हैं, जिसके जरिये एकजुट होकर वो सरकार को घेरेगा।
विपक्ष की ओर से आर्थिक मोर्चे पर भी सरकार की घेरेबंदी की जा सकती है। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) से होने वाली परेशानी, रोजगार के घटते मौके व बढ़ती बेरोजगारी की समस्या पर सरकार को कठघरे में खड़ा किये जाने की संभावना है। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह रोजगार देने के अपने वायदे को पूरा करने में विफल रही है। विपक्ष इस मुद्दे को सदन में उठायेगी ही।
सोमवार को संसद में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोनों सदनों के वर्तमान सदस्यों के निधन होने की वजह से श्रद्धांजलि देने के बाद दिनभर के लिए स्थगित हो जाएगी। सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्ष से दोनों सदनों में पेश होने वाले विधेयकों को पारित कराने के लिए सहयोग की अपील की।
कई विधायी कार्यो के साथ दो दर्जन से अधिक विधेयक पारित कराने के लिए पेश किये जाएंगे। राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति चुनावों कई मुद्दों पर विपक्ष के 18 दलों के बीच परस्पर सहमति बनी हुई है।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
1. किसान का मुद्दा- विपक्ष को लगता है कि मध्य प्रदेश समेत तमाम राज्यों में किसानों का मसला सरकार को बैकफुट पर ला सकता है और इसके जरिये नीतीश समेत सभी विरोधी दलों को इकट्ठा किया जा सकता है.
2. नौकरियों का मुद्दा- नोटबंदी और जीएसटी के असर के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को नौकरियों से जोड़कर सरकार को घेरने की कोशिश है। दरअसल, सीधे नोटबन्दी और जीएसटी का मामला उठाने से जेडीयू की लाइन अलग होने का खतरा भी विपक्ष को है।
3. मॉब लिंचिंग- पीएम की बार चेतावनी के बावजूद गौरक्षकों की गुंडागर्दी और मॉब लिंचिंग को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश होगी।
4. चीन का मुद्दा- भले ही, सरकार ने चीन के मुद्दे पर सत्र से पहले विपक्षी दलों की बैठक बुला ली हो, लेकिन विपक्ष चीन के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लेने को तैयार है।
5. कश्मीर का मुद्दा- विपक्ष पहले से ही सरकार की कश्मीर नीति पर लगातार सवाल उठता रहा है, ऐसे संसद सत्र में इस मुद्दे का जोर शोर से उठना लाज़मी ही है।
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