यूपी में बिजली पर बवाल, विरोध में पानी टंकी पर चढ़े सभासद
प्रदेश में लंबे समय से जारी बिजली संकट अब कानून व्यवस्था के लिए भी बड़ी मुसीबत का सबब बन गया है। शहर हो या देहात हर जगह सरकार के खिलाफ जनाक्रोश का लावा उबल रहा है। शाहजहांपुर के तिलहर में तो सरकार को जगाने के लिए पालिका के बीस सभासद पानी की टंकी पर सुबह से चढ़े हुए हैं और आपूर्ति सुचारु होने पर ही नीचे उतरने का एलान कर दिया है।
लखनऊ। प्रदेश में लंबे समय से जारी बिजली संकट अब कानून व्यवस्था के लिए भी बड़ी मुसीबत का सबब बन गया है। शहर हो या देहात हर जगह सरकार के खिलाफ जनाक्रोश का लावा उबल रहा है। शाहजहांपुर के तिलहर में तो सरकार को जगाने के लिए पालिका के बीस सभासद पानी की टंकी पर सुबह से चढ़े हुए हैं और आपूर्ति सुचारु होने पर ही नीचे उतरने का एलान कर दिया है। अतरौली में बाजार बंद रहे, धरना-प्रदर्शन कर सपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जाम लगाते छात्रों को पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा। यूपी के अन्य जिलों में भी कटौती से आपा खोये लोगों का गुस्सा जाम, तोड़फोड़ व हंगामा के रूप में निकला।
शाहजहांपुर जिले के तिलहर में 48 घंटे में मात्र तीस मिनट की बिजली आपूर्ति से पब्लिक के साथ प्रतिनिधियों के भी धैर्य का बांध टूट गया। नगरपालिका परिषद के बीस सभासदों ने बिजली संकट हल न होने पर सामूहिक आत्महत्या का एलान कर दिया। बीस सभासद दोपहर 12 बजे पालिका की टंकी पर चढ़ गए। मुख्यमंत्री के पुतले को कटरा थानाध्यक्ष ने छीन लिया तेा उग्र भीड़ ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर दिया। भीड़ ने पुलिस से पुतला छीनकर प्रदेश सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री का पुतला फूंक दिया।
अलीगढ़ व हाथरस जिले में विरोध-प्रदर्शन हुए। सबसे अधिक विरोध पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के गृह नगर अतरौली में हुआ। व्यापारियों ने बाजार बंद रखा और सड़क पर उतर आए। छात्रों ने रोड जाम कर हंगामा करते हुए एक्सईएन का घेराव किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा। सांसद सतीश गौतम समेत भाजपाई बिजलीघर पर धरने पर बैठे रहे। यहां व्यापारियों ने सपा सरकार के खिलाफ नारे लगाए। हाथरस में भी कई जगह लोगों ने जाम लगाकर हंगामा किया।
आगरा में आक्रोशित जनता ने दीवानी चौराहे पर टोरंट का पुतला फूंका। वहीं, अछनेरा में ग्रामीणों ने सब स्टेशन का घेराव कर हंगामा किया। एटा में गुस्साए वकीलों व भाजपाइयों ने कलक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन कर हंगामा काटा। मिरहची में महिलाएं सड़क पर आ गई और देर तक जाम लगाए रखा।
फीरोजाबाद में शनिवार सुबह नारखी के ग्रामीणों ने नगला राम कुंवर फीडर पर ताला डाल विरोध प्रदर्शन किया। कोटला रोड पर जाम भी लगाया।
उधर मुजफ्फरनगर जिले में कई गांव के किसानों ने भाकियू के बैनर तले भोपा रोड बिजलीघर पर धरना- प्रदर्शन कर जेई संजय यादव को बंधक बना लिया। सहारनपुर के रामपुर मनिहारन कस्बे में भीड़ ने बिजली घर हंगामा करते हुए जेई का घेराव किया।
उधर बिजली संकट को जूझते कानपुर को पनकी पावर प्लांट में अवर अभियंताओं की हड़ताल ने और घाव दे दिया है। 26 व 27 अगस्त के कानपुर बंद को लेकर व्यापारी संगठनों की बैठकों का दौर चलता रहा। प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल कन्नौज, औरैया, इटावा में प्रदर्शन हुआ और जाम लगाया गया। मऊ में मधुबन बाजार बंद कर लोगों ने सड़क जाम की। चिरैयाकोट में जाम कर रहे नागरिकों पर पुलिस ने लाठियां भांजीं। सोनभद्र में ग्रामीणों ने मार्ग जाम कर दिया। मीरजापुर में जमालपुर ब्लाक के लोगों ने बाजार बंद कर उपकेंद्र पर ताला जड़कर प्रदर्शन किया। गाजीपुर में ग्रामीणों ने कुंडेसर उपकेंद्र पर ताला लगाकर नारेबाजी की। जौनपुर में अधिवक्ताओं ने दीवानी में प्रदर्शन किया। चंदवक में चक्का जाम कर प्रदर्शन कर रहे लोगों से पुलिस की जमकर नोकझोक हुई। वाराणसी में शनिवार को भी अधाधुंध बिजली कटौती हुई। कांग्रेस ने सुबह 10 बजे से आजाद पार्क में बेमियादी धरना शुरू किया।
प्रतापगढ़ में शुक्रवार रात जमकर बवाल हुआ। सदर मोड़ हाइवे जाम कर लोगों ने रोडवेज बसों समेत अन्य वाहनों व पुलिस पर पथराव किया। पथराव में फैजाबाद एसपी के गनर नर्वदा सिंह की पत्नी लखपत्ती देवी समेत कई लोग चोटिल हैं। लगभग घंटे भर बाद लाठी भांज कर भीड़ को तितर बितर किया और चार लोगों को हिरासत में ले लिया।
महराजगंज में सिसवा नगर पंचायत में व्यापारी दुकानें बंद कर सड़क पर उतरे। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का पुतला फूंका। सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में गुस्साए नागरिकों के साथ भाजपाइयों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सपा ने ठीकरा केंद्र पर फोड़ा :
सपा ने बिजली संकट का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है। पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि केंद्र निर्धारित कोटे से प्रतिदिन 1700 मेगावाट बिजली कम दे रहा है। बढ़ी मांग पूरा करने के लिए यूपी इनर्जी एक्सचेंज से अधिकतम बिजली खरीदेगा। सपा प्रवक्ता ने कहा कि मौजूदा समय रोस्टर के अनुसार आपूर्ति के लिए 12500 मेगावाट विद्युत की आवश्यकता है, इसमें 6519 मेगावाट केंद्रीय सेक्टर से प्रदेश को आवंटित होता है। चौधरी का दावा है कोयले की कमी से केंद्रीय सेक्टर की 340 मेगावाट की मशीनें नहीं चल पा रही हैं। 420 मेगावाट की मशीने अनुरक्षण या अन्य कारणों से बंद हैं। रोजा पावर प्लांट की 300 मेगावाट की तीन नम्बर मशीन कोयले के अभाव में बंद है। चौधरी ने कहा कि सभी स्त्रोतों से प्रदेश के बाहर से 6000 मेगावाट बिजली लाई जा सकती है, जिसमें सरकार कोई कमी न रखेगी। अधिक बिजली लेने पर एनआरएलडीसी ने प्रतिबंध लगा रखा है।
जीर्णोद्धार में विलंब से विद्युत उत्पादन में गिरावट :
ओबरा थर्मल परियोजना से पुरानी यूनिटों के जीर्णोद्धार में विलंब से विद्युत उत्पादन में गिरावट जारी है। सौ मेगावाट की तीन और 200 मेगावाट की दस से लेकर 13 तक यूनिटें चल रहीं बंद। वर्तमान में लगभग 500 मेगावाट हो रहा विद्युत उत्पादन, इन यूनिटों का जीर्णोद्धार होने के बाद उत्पादन बढ़कर हो जाएगा 800 से 900 मेगावाट।