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पानी से लबालब हुआ सूखाग्रस्‍त लातूर, अगले पांच साल तक नहीं होगी कमी

अब लातूर के पास इतना पानी है कि अगले पांच सालों में भी यहां ‘सूखा’ फटक नहीं सकता।

By Monika minalEdited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 10:37 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 02:18 PM (IST)
पानी से लबालब हुआ सूखाग्रस्‍त लातूर, अगले पांच साल तक नहीं होगी कमी

औरंगाबाद। अगले पांच सालों में पानी से भरी ट्रेन को लातूर जाने की जरूरत नहीं पड़ने वाली है क्योंकि इस साल लातूर में बारिश ने अपनी दरियादिली दिखायी है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से मराठवाड़ा में पानी का स्तर लातूर के लाइफलाइन कहे जाने वाले मांजरा डैम समेत सभी जलस्रोतों में बढ़ गया है। बांधों व अन्य स्रोतों में मौजूदा पानी का स्तर इतना हो गया है कि अगले पांच सालों तक यहां के लोगों की पानी की जरूरतें पूरी करेगा।

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पानी से लबालब 'मांजरा डैम'

मांजरा डैम में 9 हजार मिलियन क्यूबिक फीट की स्टोरेज कैपसिटी है जो कि 2012 से ही सूखा पड़ा था। अब यहां इसकी क्षमता के 97 फीसद तक पानी आ गया है। अधिकारियों ने यहां से 5,190 क्यूबिक फीट प्रति सेकेंड पानी छोड़ना शुरू कर दिया। लातूर को प्रतिदिन 60 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता है और लगातार कुछ सालों से सूखा होने के कारण सरकार ने सांगली जिले के मिराज से ट्रेन के जरिए वहां पानी भेजना शुरू किया है।वहां सूखा के कारण इंडस्ट्री भी बंद पड़े थे और ट्रेड व बिजनेस भी प्रभावित था।

अगले पांच साल तक नहीं होगा सूखा

लातूर के ग्राउंड वाटर सर्वे एंड डेवलपमेंट एजेंसी के सीनियर जियोलॉजिस्ट, मोहम्मद सरफराज ने कहा,’मांजरा डैम अब अपनी क्षमता के अनुसार 100 फीसद पानी से भर गया है। यहां की दूसरी बड़ी डैम लोअर टर्ना भी भरने वाली है। जिले के आठ अन्य मीडियम प्रोजेक्ट भी अपनी क्षमता के अनुसार पर्याप्त भर चुका है। जिले में पानी की कमी नहीं है और अब आगे के पांच सालों तक शहर को सूखा का सामना नहीं करना होगा। उन्होंने आगे बताया की भूजल का स्तर जो कि 3.5 मीटर नीचे चला गया था वह भी अपनी जगह पर आ गया है। लातूर के जिला कलेक्टर पांडुरंग पोल ने कहा, ‘जिला में 113 फीसद औसत बारिश हुई है। भूजल का स्तर बढ़ा है। मैं यह नहीं बता सकता कि यह कब तक खत्म होगा पर हां अभी के लिए लातूर में पानी की कमी नहीं है।‘ उन्होंने आगे बताया,’अब हमें रबी मौसम व इंडस्ट्री के लिए पानी सप्लाई के बारे में सोचना होगा।‘

गन्ना की जगह किसी और अनाज की खेती

प्रशासन योजना बना रही है कि किसानों के पास जाकर उनसे गन्ने की जगह किसी और अनाज की खेती का आग्रह करें क्योंकि गन्ने की खेती के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है। पोल ने बताया कि सूखे के कारण कई किसानों ने गन्ने की खेती छोड़ दूसरे अनाजों की खेती शुरू कर दी है। लेकिन अच्छे बारिश के कारण कुछ फिर से गन्ने की खेती का सोच रहे हैं।

इस दौरान एक रोचक घटना सामने आयी है मांजरा डैम पर अपने पंपिंग स्टेशन से लातूर नगर निकाय पानी नहीं निकाल सकती है। उन्होंने हाल में ही 800kv ट्रांसफार्मर लगाया था जो अगस्त में चोरी हो गयी। इसके लिए उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। अब पंपिंग स्टेशन के लिए दो गार्ड नियुक्त किए गए हैं।

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