लालू की PM मोदी व भागवत को खुली चेतावनी, कहा- चेतें या कुनबा समेटें
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पीएम मोदी के नाम खुला पत्र जारी कर उन्हें व आरएसएस को जमकर कोसा है। लालू ने उन्हें चेतावनी दी है कि वे विषैली राजनीति बंद करें या अपना कुनबा समेटें।
पटना [वेब डेस्क]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से एक खुला पत्र जारी कर उना में दलित युवकों के साथ हुए अत्याचार के लिए उन्हें (पीएम मोदी) व आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। लालू ने चेतावनी देते हुए लिखा कि संघ के मोहन भागवत जैसे विषैली राजनीति करने वाले लोग चेतें अथवा अपना कुनबा समेटें !
लालू ने गुजरात के उना में चमड़ा उद्योग से जुड़े चार दलित युवकों की मरी गाय का खाल उतारने के आरोप में की गई पिटाई की चर्चा करते हुए लिखा कि जगह-जगह हिंसक तथाकथित गौ-रक्षक दल पनप रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ आरएसएस और खुद पीएम मोदी का है।
लालू ने लिखा है कि पहले लोकसभा चुनाव और हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जिस गैर जिम्मेदारी से पिंक रेवोलुशन, गौमांस, गाय पालने वाले और गाय खाने वाले आदि गैरजरूरी बातों पर समाज तोड़ने वाले भड़काऊ भाषण दिए गये थे। उन्हीं का असर है कि आज किसान खरीद कर गायों को गाड़ी में लादकर ले जाने से भी डरता है। जाने रास्ते में कौन उन्हें गौरक्षा के नाम पर घेरकर पीट दे या जान ही ले ले।
लालू ने मोदी को संबोधित करते हुए आगे लिखा है, 'आपने तो लोगों को बाटकर, जहर रोपकर वोटों की खूब खेती की और जो चाहते थे वो बन गए। पर आपका बोया जहर रह-रह जातिवादी और सांप्रदायिक सांप का रूप धर, समय-समय पर उन्मादी फन उठाता है और देश की शांति और सौहार्द को डस कर चला जाता है।'
लालू लिखते हैं कि यह आग प्रधानमंत्री की ही लगाई हुई है। इस आग में भस्म होकर जो गौपालक, किसान बन्धु, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक मर रहे हैं, उसके दोषी सिर्फ मोदी, उनकी पार्टी और असहिष्णु विचारधारा की जननी संघ है।
लालू ने लिखा है कि गाय के नाम पर लोगों को बांटने वाले नेताओं का गौ-सेवा से सरोकार नहीं है। उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के 78 मंत्री लुटयेंस दिल्ली के बड़े-बड़े बंगलों में रहते हैं। उन्होंने कुत्ते जरुर पाले हैं, पर गायों के नाम पर नाक-भौं सिकोड़ते हैं।
मोदी को नसीहत देते हुए लालू ने लिखा है कि अगर वे सचमुच गौ प्रेम करते हैं तो अपने हर मंत्री के लिए नियम बनाइए कि अपने बंगले में गाय पाले, खुद अपने हाथों से उसकी देखभाल करे और मृत्यु होने पर विधिवत अंतिम संस्कार भी करे, ताकि मृत गायों को उनके बंगलों से ले जाते वक्त आप ही के कार्यकर्ता उन दलितों या पिछड़ों की हत्या ना कर दे।
लालू ने लिखा है कि उना की घटना कोई अनोखी या एकमात्र घटना नहीं है। आए दिन यह पागलपन देश के किसी ना किसी कोने में अपना नंगा नाच दिखाता है और प्रधानमंत्री मुंह फेर लेते हैं। गौ-रक्षा के नाम पर मनुवादी दलित-पिछड़ों को उनकी 'जगह' दिखाने की कोशिश करते हैं।
लालू के अनुसार देश भर में गाएं सडकों के किनारे कचरा खाती हैं, पर कोई गाय प्रेमी उसे दो रोटियां नहीं खिलाएगा। पर गौमांस पर किसी अखलाक़ की हत्या करने को पूरा गांव ही नहीं, आसपास के गांव के भाजपा कार्यकर्ता भी जुट जाते हैं। ठीक उसी तरह गाय पर राजनीति करने चुनावों में आप लोग जुट जाते हैं।
उन्होंने आगे लिखा है, ''अब संघ और भाजपा का यह स्वांग बंद होना चाहिए। अब देश को यह बर्दाश्त नहीं है कि किसी 'मां भारती के सन्तान' रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या पर प्रधानमंत्री का मर्म एक हफ्ते बाद जागे। देश के दलित और पिछड़े संघ की थोपी हुई आचार संहिता को मानने से इंकार करते हैं। अपने विरोध और प्रदर्शन से दलितों ने गुजरात की सरकार को अपने महत्व का आभास कराया है, समाज को आइना दिखाया है और अपने अंदर पल रहे कटुता का एक झलक मात्र दिखाया है।''
लालू ने चेतावनी भरे लहजे में लिखा है, ''प्रधानमंत्री जी, ब्राह्मणवादी और मनुवादी मानसिकता को पिछले दरवाज़े से हम दलित, पिछड़े और आदिवासियों पर पुनः लादने का प्रयास बंद कीजिए, वरना इसका परिणाम देश के लिए विध्वंसक होगा। देश का बहुसंख्यक वर्ग देश में हजारों साल तक चलने वाले काले सामाजिक ढांचे की पुनरावृत्ती किसी कीमत पर होने नहीं देगा। संघ के मोहन भागवत जैसे विषैली राजनीति करने वालों के लिए मेरी एक ही चेतावनी है - चेतें अथवा अपना कुनबा समेटें।''