कठुआ में कूड़ेदान का अभाव
कठुआ : स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत अभियान में कठुआ पिछड़ता दिख रहा है। शहर को साफ-सुथरा बनाने की राह में कई रोड़े हैं। कूड़ेदान का अभाव होने की वज
कठुआ। स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत अभियान में कठुआ पिछड़ता दिख रहा है। शहर को साफ-सुथरा बनाने की राह में कई रोड़े हैं। कूड़ेदान का अभाव होने की वजह से लोग गंदगी खुले में फेंकने को विवश हैं।
शहर में कई जगह लगे कूड़ेदान पूरी तरह टूट चुके हैं। लोग इनमें कूड़ा डालकर चले जाते हैं। बाद में लावारिस पशु खाने की तलाश करते हुए कचरे को खींचकर सड़क पर फैला देते हैं। शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर बिखरी गंदगी से बदबू फैलती है। लापरवाही सफाई कर्मचारी भी करते हैं। कई बार कूड़ेदान को उल्टा छोड़कर चले जाते हैं। शहर में इस तरह का दृश्य पॉश कॉलोनी पीडब्ल्यूडी कार्यालय को जोडऩे वाले मार्ग पर वार्ड नंबर एक में देखा जा सकता है। हालांकि इस तरह के टूटे कूड़ेदान कई स्थानों पर हैं, जहां कूड़ा बीच में होने की बजाय बाहर सड़कों पर बिखरा होता है। इसके बाद भी पूरा दिन तक टूटे कूड़ेदान के पास लोग कचरा फेंकते रहते हैं।
शहर की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि या तो जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखें मूंद ली हैं या फिर सफाई कर्मचारी नगर परिषद के अधिकारियों के निर्देशों का पालन नहीं करते। अगर ऐसा नहीं है तो शहर की यह दशा क्यों है? एक तरफ देश भर में स्वच्छता अभियान चल रहा है। अधिकारी और समाज सेवक और नेता प्रधानमंत्री की अपील पर सफाई अभियान चला रहे हैं, लेकिन कठुआ में न तो अधिकारी इसे गंभीरता से ले रहे हैं और न ही आम लोग व कर्मचारी। ऐसे में स्वच्छता अभियान कठुआ में कब और कैसे सफल होगा, यह एक बड़ा सवाल है।