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शिमला में राष्‍ट्रपति रिट्रीट में कोविंद को नहीं मिली थी एंट्री

राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार के तौर पर भाजपा के उम्‍मीदवार रामनाथ कोविंद को मात्र तीन हफ्ते पहले शिमला के प्रेसिडेंशियल रिट्रीट में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी थी।

By Monika minalEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 02:40 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 02:44 PM (IST)
शिमला में राष्‍ट्रपति रिट्रीट में कोविंद को नहीं मिली थी एंट्री
शिमला में राष्‍ट्रपति रिट्रीट में कोविंद को नहीं मिली थी एंट्री

शिमला (प्रेट्र)। बिहार के राज्‍यपाल और भारतीय जनता पार्टी की ओर से राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार 71 वर्षीय राम नाथ कोविंद पिछले माह अपने शिमला दौरे के दौरान परिवार के साथ राष्‍ट्रपति रिट्रीट बिल्‍डिंग में जाना चाहते थे लेकिन इसके लिए उन्‍हें अनुमति नहीं दी गयी थी।

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कानपुर के कोविंद तीन सप्‍ताह पहले शिमला दौरे पर थे और परिवार के साथ राष्ट्रपति रिट्रीट देखने गए लेकिन उन्हें प्रेसिडेंट रिट्रीट देखने की अनुमति नहीं मिली और उन्‍हें निराश होकर लौटना पड़ा था। रामनाथ कोविंद गर्मी की छुट्टियां मनाने शिमला गए थे, इस दौरान वे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवरत के आधिकारिक मेहमान थे। इस दौरान 29 मई को उनका मन प्रेसिडेंट रिट्रीट देखने का हुआ, लेकिन क्योंकि उनके पास इसकी इजाजत नहीं थी इसलिए उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया था।

शिमला का प्रेसिडेंट रिट्रीट भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक रिट्रीट है। यहां पर राष्ट्रपति गर्मी की छुट्टियां बिताने आते हैं। क्योंकि इस बार राष्ट्रपति चुनाव हैं इसी कारण प्रणब मुखर्जी यहां नहीं आ पाए थे। प्रेसिडेंट रिट्रीट में जाने के लिए राष्ट्रपति भवन की अनुमति होना अनिवार्य है।

राष्ट्रपति चुनाव आगामी 17 जुलाई को है। स्‍वतंत्रता के बाद वाइसरीगल लॉज के बाद प्रेसिडेंशियल एस्‍टेट के हिस्‍से के तौर पर इसे रिट्रीट बनाया गया और इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ एडवांस्‍ड स्‍टडी को सौंप दिया गया। हिमाचल प्रदेश के गवर्नर के सलाहकार, शशिकांत ने बताया, ‘बिहार के राज्‍यपाल कल्‍याणी हेलीपैड गए जो विशेषकर राष्‍ट्रपति के लिए बनाया गया है।‘ कोविंद और उनकी पत्‍नी ने ऑफिशियल वाहन का प्रयोग किया जबकि परिवार के अन्‍य सदस्‍यों ने किराए पर टैक्‍सी ली। कोविंद माल रोड और रिज गए। उन्‍होंने वहां बढ़ते ट्रैफिक पर चिंता जतायी और कहा पर्यटकों की सुविधा को ध्‍यान में राते हुए यहां सड़कों को चौड़ा करना चाहिए। चंडीगढ़ से शिमला आने में उन्‍हें साढ़े पांच घंटे का समय लगा था।

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