मेक इन इंडिया अभियान में कोरिया को जोड़ सकता है अयोध्या
भारत की सांस्कृतिक विरासत का केंद्र अयोध्या मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान को भी दिशा दे सकता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के क्षेत्र में दिग्गज देश कोरिया भी अयोध्या की ओर देख रहा है। भारत ने कोरिया को भरोसा दिलाया है कि अयोध्या में कोरिया की रानी हू के स्मारक के पुनरुद्धार पर गंभीरता से प्रयास शुरू होगा।
नई दिल्ली [आशुतोष झा]। भारत की सांस्कृतिक विरासत का केंद्र अयोध्या मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान को भी दिशा दे सकता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के क्षेत्र में दिग्गज देश कोरिया भी अयोध्या की ओर देख रहा है। भारत ने कोरिया को भरोसा दिलाया है कि अयोध्या में कोरिया की रानी हू के स्मारक के पुनरुद्धार पर गंभीरता से प्रयास शुरू होगा। अयोध्या से गईं रानी हू की परंपरा से जुड़े कोरिया में लगभग 50 लाख लोग खुद को भारतीय मानते हैं।
मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए केंद्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद हाल में कोरिया के दौरे पर थे। उन्होंने एलजी और सैमसंग जैसी कंपनियों के दौरे भी किए। कंपनियों को भरोसा दिलाया गया है कि भारत में भी चीन जैसे बड़े मैन्यूफैक्चरिंग हब जैसी सारी व्यवस्थाएं की जाएंगी जिससे, कंपनियों को यहां विस्तार करने में परेशानी नहीं होगी।
बहरहाल, इससे परे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को भी रविशंकर भारत के सपनों के लिए एक बड़ा कारण मानते हैं। जुड़ाव का आधार अयोध्या में है। रविशंकर ने कहा- 'भारत में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के विकास में भी सांस्कृतिक विरासत की भूमिका होगी और इसका केंद्र अयोध्या में होगा।' दरअसल कोरिया के विशेष प्रयास के बाद अयोध्या में महारानी हू का स्मारक 2001 में स्थापित किया गया था। श्रद्धा और आस्था के कारण लगभग एक लाख कोरियाई पर्यटक हर साल यहां आते हैं। स्थानीय प्रशासन की रुचि के अभाव में स्मारक की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कोरिया चाहता है कि भारत सरकार इसमें रुचि ले। कोरिया से लौटे रविशंकर इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिख सकते हैं। कोरिया की ऐतिहासिक विरासत के अनुसार, करीब दो हजार साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना कोरिया पहुंची थीं और वहां के राजा किम सूरो से शादी के बाद महारानी हू के नाम से जानी गई। कोरिया की कराक वंश की स्थापना तभी हुई थी। तत्कालीन राजधानी घिमटे की किम और हू तथा इंचियान में ली का कुलनाम रखने वाले लगभग 60 लाख लोग खुद को अब भी भारतीय मानते हैं। सूत्रों के अनुसार 2012 में कोरिया के दौरे पर गए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी ने विष्णु प्रकाश से पूछा था कि वहां कितने भारतीय रहते हैं। विष्णु प्रकाश ने लगभग सात आठ हजार भारतीयों की बात कही थी। राष्ट्रपति की पत्नी ने टोकते हुए कहा था कि कोरिया में 50-60 लाख भारतीय हैं और वह खुद भी उनमें से एक हैं। भारत के साथ कोरिया के इस आत्मिक जुड़ाव ने रविशंकर की आशा बढ़ा दी है।