सरकार ने गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म की, जानिए पांच बड़ी बातें
गेहूं की कीमत में लगातार हो रहे इजाफे के बीच सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी खत्म कर आम आदमी को बड़ी राहत दी है
नई दिल्ली: गेहूं की कीमत में लगातार हो रहे इजाफे के बीच सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी खत्म कर आम आदमी को बड़ी राहत दी है। इंपोर्ट ड्यूटी के खत्म होने का सीधा मतलब यह है कि अब इसकी सप्लाई बढ़ने के साथ साथ इसकी कीमतें भी काफी कम होंगी। आपको बता दें कि इससे पहले गेहूं पर 10 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी लागू थी।
तीन महीने में 20 फीसदी तक उछली गेहूं की कीमत:
डिपॉर्टमेंट ऑफ कन्जूयमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के आकंड़ों के मुताबिक पिछले तीन महीने के दौरान गेहूं में 20 फीसदी और आटे की कीमतों में 18 फीसदी तक का उछाल देखा जा चुका है। आपको बता दें कि दिल्ली में एक किलो गेहूं की कीमत 24 रुपए है जो कि 7 सितंबर तक 20 रुपए प्रति किलो की दर पर बिक रहा था। वहीं रिटेल मार्केट में आटा 26 रुपए किलो बिक रहा है। तीन महीने पहले एक किलो आटे की कीमत 22 रुपए थी।
क्यों हटाई गई इंपोर्ट ड्यूटी:
सरकार ने गेंहू पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि वह गेंहू की सप्लाई बढ़ाना चाहती है। सप्लाई बढ़ने से सीधे तौर पर आंटे की कीमतों में भी कमी आएगी, जो कि आम आदमी के लिए एक राहतभरा फैसला है।
मौसम विभाग ने कहा सामान्य से अधिक रहेगा सर्दियों का मौसम:
वहीं इस बीच भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल सर्दियों का मौसम सामान्य से कुछ अधिक रहने का अनुमान जताया है। सर्दियों का मौसम सामान्य से अधिक रहने से गेहूं की 2016-17 की फसल प्रभावित हो सकती है।
वित्त मंत्रालय ने जारी की थी अधिसूचना:
केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने संबंधी अधिसूचना सदन के पटल पर रख दी। उन्होंने कहा कि आठ दिसंबर 2016 को जारी अधिसूचना के अनुसार गेहूं पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य किया गया है जो तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
कम होगा रसोई का बोझ:
गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी हटने से गेहूं से बने उत्पाद और आटे के दाम घटेंगे। उपभोक्ता मामलों के सचिव हेम पांडे ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे घरेलू उपलब्धता बेहतर होगी। सरकार के इस कदम से स्थानीय आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतें नियंत्रित होंगी।