जानिए, यूसुफ शाह के वैश्विक आतंकी सलाहुद्दीन बनने की कहानी
अलगाववादी विचारधारा और पाकिस्तान का एजेंडा चलाने की वजह से यूसुफ शाह यानी सलाहुद्दीन को जेल में बंद कर दिया गया था।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। सैयद सलाहुद्दीन जिसे अमेरिका ने अंतरराष्टीय आतंकी घोषित कर दिया है। 1990 से पहले कश्मीर में वह यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था। उसने साल 1987 में मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में उसे हार का मुंह देखना पड़ा था।
अलगाववादी विचारधारा और पाकिस्तान का एजेंडा चलाने की वजह से यूसुफ शाह यानी सलाहुद्दीन को जेल में बंद कर दिया गया था। जब वो जेल से छूटा तो सुधरने के बजाए वो और ख़तरनाक हो चुका था। यूसुफ शाह जब बड़गाम में अपने गांव सोमवग पहुंचा, तब उसका जोरदार स्वागत किया गया। हाथ में बंदूक लिए मंच से देश के खिलाफ जहर उगला। यूसुफ ने ही कश्मीर में आजादी के लिए आवाज बुलंद की थी। यूसुफ ने कहा, 'कश्मीर मुद्दे के लिए हथियार उठाने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
5 नवंबर 1990 को यूसुफ शाह, सैयद सलाहुद्दीन बन गया। वह सीमा पार कर पीओके के मुजफ्फराबाद पहुंचा और फिर हिजबुल मुजाहिदीन नाम से एक संगठन बनाकर जम्मू-कश्मीर में आंतकवादी गतिविधियां संचालित करने लगा। अब सलाहुद्दीन पाकिस्तान में युनाइडेट जिहाद काउंसिल का सरगना है। सलाहुद्दीन भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। पिछले साल जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हमले के पीछे उसके संगठन यूनाइडेट जिहाद काउंसिल का हाथ था। जैश-ए-मोहम्मद भी सलाहुद्दीन के संगठन का ही हिस्सा है। कश्मीर के ज्यादातर आतंकी हिज्बुल से ही जुड़े हुए हैं। कश्मीर में हिंसा में इसका हाथ है। बुरहान वानी भी इसी संगठन का हिस्सा था जिसे सुरक्षाबलों ने पिछले साल आठ जुलाई को मुठभेड़ में मार गिराया था। इस वर्ष उसकी पहली बरसी पर सैयद सलाहुद्दीन ने कश्मीर में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़काने की साजिश रची है।
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