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केरल सरकार ने केंद्र के 'पशु वध' पर रोक के मुद्दे पर बुलाया विधानसभा का विशेष सत्र

स मुद्दे को लेकर केरल सरकार हाइकोर्ट तक पहुंची थी। लेकिन केरल हाई कोर्ट ने भी पशु बिक्री-खरीद पर निए नियमों को लेकर जारी केंद्र के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 08 Jun 2017 09:45 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jun 2017 09:45 AM (IST)
केरल सरकार ने केंद्र के 'पशु वध' पर रोक के मुद्दे पर बुलाया विधानसभा का विशेष सत्र
केरल सरकार ने केंद्र के 'पशु वध' पर रोक के मुद्दे पर बुलाया विधानसभा का विशेष सत्र

नई दिल्‍ली, जेएनएन। केरल सरकार, केंद्र के पशु बिक्री-खरीद पर निए नियमों को मानने को तैयार नहीं है। कुछ दिनों पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अन्‍य राज्‍य के मुख्‍यमंत्रियों से इस मुद्दे पर एकजुट होने का आग्रह किया था। अब केरल के मंत्रिमंडल ने आज मांस कारोबार के लिए पशुओं की बिक्री-खरीद पर रोक पर चर्चा करने के लिये आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है।

वन एवं पशुपालन मंत्री के राजू ने आज यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘सदन में चर्चा के आधार पर सरकार आगे की रणनीति के बारे में अंतिम निर्णय करेगी.’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार के पास उच्चतम न्यायालय जाने और राज्य की सीमा के अंतर्गत कानून बनाने समेत अनेक विकल्प मौजूद हैं.

इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर के मुताबिक, सीएम विजयन का कहना है कि पशु वध पर प्रतिबंध के मुद्दे संसद की विधायी शक्तियों के भीतर नहीं आते हैं। उन्‍होंने कहा, यह निर्णय राज्य सरकारों की शक्तियों के भीतर आता है। यही कारण है कि कुछ राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध है और कई राज्यों में ऐसा नहीं है।

उन्होंने कहा कि हालांकि, इस मसले पर अंतिम निर्णय विधानसभा के सदस्यों से चर्चा के बाद लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि केरल में माकपा की अगुवाई वाली एलडीएफ सरकार केन्द्र सरकार के पशुओं की खरीद-बिक्री संबंधी अधिसूचना का विरोध करने वाला पहला राज्य था।

केरल हाइकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
इस मुद्दे को लेकर केरल सरकार हाइकोर्ट तक पहुंची थी। लेकिन केरल हाई कोर्ट ने भी पशु बिक्री-खरीद पर निए नियमों को लेकर जारी केंद्र के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। बुधवार को इस मुद्दे से संबंधित याचिका पर सुनवाई के लिए राजी होने के बाद हाइकोर्ट ने स्टे देने से इनकार कर दिया। हां, हाइकोर्ट ने केंद्र से इस मामले में विस्तार से जवाब देने को जरूर कहा है।

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