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दुष्कर्म के आरोपियों पर रिहाई के बाद भी रखें नजर: मेनका

केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने रिहाई के बाद भी दुष्कर्म के दोषी व आरोपियों पर पुलिस की नजर रखने की मांग की है। इस बारे में उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। दिल्ली के जघन्य निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के नाबालिग दोषी की रिहाई

By anand rajEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 10:53 PM (IST)
दुष्कर्म के आरोपियों पर रिहाई के बाद भी रखें नजर: मेनका

नई दिल्ली। केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने रिहाई के बाद भी दुष्कर्म के दोषी व आरोपियों पर पुलिस की नजर रखने की मांग की है। इस बारे में उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। दिल्ली के जघन्य निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के नाबालिग दोषी की रिहाई के पूर्व मेनका की यह मांग महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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निर्भया के माता-पिता ने की है क्रूर चेहरा दिखाने की मांग

16 दिसंबर 2012 को जघन्य वारदात की शिकार निर्भया के माता-पिता ने हाल ही में मांग की है कि इस केस के नाबालिग आरोपी का चेहरा दुनिया को दिखाया जाए। छह आरोपियों में वह सबसे क्रूर है। उसकी रिहाई से पहले उसका चेहरा सबको बताना चाहिए, क्योंकि वह समाज के लिए खतरा है।

पुलिस में हाजिरी दिलाएं

निर्भया के परिजनों की मांग पर मेनका गांधी ने कहा कि यह किसी एक मामले की बात नहीं है। मैंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि ऐसा कानूनी प्रावधान होना चाहिए जिसमें यौन प्रताड़ना के प्रत्येक आरोपी को जो जेल में रहा हो, रिहाई के बाद निगरानी में रखा जा सके। उसे पुलिस थाने में हाजिरी देना पड़े और उस पर नजर रखी जाए।

दुष्कर्मियों की सार्वजनिक सूची हो

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मेनका ने यह मांग भी है कि यौन अपराधियों का रिकॉर्ड या सूची बने और वह सार्वजनिक रूप से उजागर किया जाए।

निर्भया के परिजन गृहमंत्री से मिले थे

निर्भया के परिजन ने गत दिनों गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को ज्ञापन देकर कहा था कि रिहा होने वाला नाबालिग अपराधी आम व्यक्ति की आजादी व जीवन के लिए खतरा है।

एक ऐसी प्रणाली होना चाहिए, जिससे उस पर कड़ी नजर रखी जा सके और वह लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके। परिजन के ज्ञापन पर मानवाधिकार आयोग ने केन्द्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।

हर साल बनेंगे पचास हजार आंगनबाड़ी केंद्र

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सरकार हर साल पचास हजार आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कर अगले चार साल में दो लाख आंगनबाड़ी केंद्र तैयार करने का लक्ष्य पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि अपना केंद्र होने के बाद आंगनबाड़ी गांवों में स्वास्थ्य एवं देखभाल की जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभा सकेंगी। इस योजना को मनरेगा और आईसीडीएस बजट के जरिये फंड दिया जा रहा है।

विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों को उनके विशेष योगदान के लिए नेशनल अवार्ड देने के मौके पर मेनका गांधी ने कहा, "हम आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कर रहे हैं, जिससे हमारी कार्यकर्तियों को बैठने के लिए, बच्चों के क्रेच और उन्हें ठीक से खिलाने के लिए एक जगह मिल सके। मैं जानती हूं कि एक स्थायी इमारत न होने के चलते आपको परेशानियों का सामना करना पड़ता है।"

देश में लगभग साढ़े तेरह लाख आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें से दो लाख से ज्यादा के पास अपनी इमारत नहीं है।इस वित्तीय वर्ष में कुपोषण से ज्यादा प्रभावित 11 राज्यों में आंगनबाड़ी की इमारत बनाई जाएंगी। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, असम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के नाम शामिल हैं।


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