काटजू ने की तसलीमा को स्थायी वीजा देने की मांग
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन को भारत में रहने के लिए स्थायी वीजा दिए जाने की मांग की है। हालांकि इससे पहले वह तसलीमा को 'नॉनसेंस' कह कर बड़ा विवाद खड़ा कर चुके हैं। शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए काटजू ने कहा, 'मैंने अखबार में पढ़ा था
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन को भारत में रहने के लिए स्थायी वीजा दिए जाने की मांग की है। हालांकि इससे पहले वह तसलीमा को 'नॉनसेंस' कह कर बड़ा विवाद खड़ा कर चुके हैं।
शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए काटजू ने कहा, 'मैंने अखबार में पढ़ा था कि सरकार ने तसलीमा नसरीन के वीजा की अवधि दो महीने के लिए बढ़ा दी है। मेरे विचार से उन्हें भारत में रहने के लिए स्थायी वीजा दिया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'अपनी किताब लज्जा लिखने के बाद से ही नसरीन कंट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के निशाने पर हैं। मैंने यह किताब पढ़ी है। अयोध्या की घटना के बाद बांग्लादेश में ¨हदुओं के ऊपर हुए अत्याचारों को दिखाए जाने के अलावा इस किताब में ऐसा कुछ नहीं जो इस्लाम के खिलाफ हो।'
1994 से ही निर्वासन में रह रही विवादित लेखिका को सरकार ने एक वर्ष का वीजा देने से इन्कार कर दिया है। 51 वर्षीय तसलीमा ने रेजीडेंट वीजा के लिए आवेदन किया था पर गृह मंत्रालय ने उन्हें सिर्फ दो महीने के लिए वीजा दिया है जिसकी अवधि एक अगस्त से शुरू हो रही है। तसलीमा इस समय स्वीडन की नागरिक हैं। वह पिछले दो दशकों में अमेरिका, यूरोप, भारत में रही हैं।