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अलगाववादियों के खिलाफ दिल्ली में जुटेंगे कश्मीरी पंडित

कश्मीरी पंडितों को घाटी वापस भेजने के लिए प्रस्तावित कॉलोनियों में क्षेत्र के मुस्लिमों को भी जगह मिलेगी। दरअसल, कश्मीर में पंडितों की सेटेलाइट कॉलोनी का मुद्दा गर्माने के बाद सत्ताधारी पीडीपी इस मुद्दे पर मुखर हो गई थी कि घाटी में पंडितों को अलग से बसाना उचित नहीं है।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2015 12:55 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2015 02:16 AM (IST)

जम्मू [जासं]। पहली बार कश्मीरी पंडित बिना किसी शीर्ष नेता के नेतृत्व के वादी में पुनर्वास का विरोध कर रहे अलगाववादियों के रवैये के खिलाफ तीन मई को दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। इसमें दिल्ली व देश के अन्य भागों में रहने वाले कश्मीरी पंडित हिस्सा लेंगे। काफी संख्या में प्रदर्शन में भाग लेने वाले कश्मीरी पंडित संदेश देंगे कि केंद्र सरकार वादी में पुनर्वास को लेकर जो भी फैसला करे, उसमें उनकी राय को जानना जरूरी होगा। उनके द्वारा पंडितों के सामूहिक नरसंहार की जांच के लिए आयोग के गठन की मांग भी की जा रही है।तीन मई को प्रदर्शन में भाग लेने वाले कश्मीरी पंडित संगठनों में ऑल इंडिया कश्मीरी पंडित समाज, पनुन कश्मीर, ऑल स्टेट कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस, कश्मीरी दिल्ली समिति, कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस व ऑल पार्टीज माइग्रेंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी समेत कई अन्य संगठन शामिल हैं।

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पंडितों के लिए टाउनशिप में मुस्लिमों को भी मिलेगी जगह

जम्मू [जागरण ब्यूरो]। कश्मीरी पंडितों को घाटी वापस भेजने के लिए प्रस्तावित कॉलोनियों में क्षेत्र के मुस्लिमों को भी जगह मिलेगी। दरअसल, कश्मीर में पंडितों की सेटेलाइट कॉलोनी का मुद्दा गर्माने के बाद सत्ताधारी पीडीपी इस मुद्दे पर मुखर हो गई थी कि घाटी में पंडितों को अलग से बसाना उचित नहीं है। ऐसे हालात में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार की योजना पर स्पष्ट कर दिया है कि प्रस्तावित कॉलोनियों में सिर्फ पंडित ही नहीं, मुस्लिम भी रह सकेंगे। कॉलोनियों में 50 फीसद मकान पंडित के लिए आरक्षित होंगे। हर कॉलोनी में ढाई-ढाई हजार पंडित परिवार होंगे। उन्हें कॉलोनियों में फ्लैट खरीदने के लिए बीस लाख रुपये का अनुदान केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने की योजना है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, कश्मीर में चार स्थानों पर पंडितों के लिए कॉलोनियां बनाने की योजना है। अभी तक चिन्हित नहीं की गई इन कॉलोनियों को श्रीनगर व अनंतनाग जिलों में बनाने का प्रस्ताव है। पिछले माह भूमि हासिल करने के मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद से बातचीत भी हुई थी। मंगलवार को लोकसभा में गृहमंत्री ने इस दिशा में हुई कार्यवाही का हवाला देते हुए घोषणा की कि पंडितों के लिए पहले चरण में कॉलोनी बनाने के लिए मुहम्मद सईद 50 एकड़ भूमि चिन्हित करने के लिए तैयार हो गए हैं। इस बीच, केंद्र सरकार पंडितों की वापसी के लिए अपनी योजना को अंतिम रूप देने की तैयारी में है। इसके लिए गृह मंत्रालय राज्य का दौरा करने वाली संसदीय समिति पर गौर करने के साथ संबंधित मंत्रालयों से भी आम राय बनाएगा। फिलहाल, जो खाका तैयार किया गया है, उसके अनुरूप कश्मीर की चार कॉलोनियों में दस हजार पंडित परिवारों को बसाया जाएगा।

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