मूर्ति पूजा विरोधी कन्नड़ लेखक कलबर्गी की हत्या
प्रगतिशील कन्नड़ लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता एमएम कलबर्गी की रविवार सुबह हत्या कर दी गई। दो अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी और मौके से फरार हो गए। कलबर्गी मूर्ति पूजा समेत कई मसलों पर अपनी बेबाक टिप्पणियों के चलते अक्सर विवादों में घिरे
धारवाड़ (कर्नाटक)। प्रगतिशील कन्नड़ लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता एमएम कलबर्गी की रविवार सुबह हत्या कर दी गई। दो अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी और मौके से फरार हो गए। कलबर्गी मूर्ति पूजा समेत कई मसलों पर अपनी बेबाक टिप्पणियों के चलते अक्सर विवादों में घिरे रहते थे।
हुबली-धारवाड़ शहर के पुलिस आयुक्त रविंद्र प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि 77 वर्षीय कलबर्गी की कल्याणनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रसाद ने बताया कि दोनों हमलावर बाइक से आए थे। उन्होंने कलबर्गी के घर का दरवाजा खटखटाया और जैसे ही दरवाजा खुला, हमलावरों ने उनपर फायरिंग कर दी। हम्पी कन्नड़ यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर को तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस दुस्साहसिक कृत्य से पूरा कन्नड़ साहित्य जगत सहम गया है। प्रसाद ने बताया कि एक विशेष टीम बनाई गई है और दोषियों को शीघ्र पकड़ लिया जाएगा। हत्या की वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जांच के बाद असली वजहों का खुलासा हो जाएगा। फारेंसिक और फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों को बुलाया गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय और राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता कलबर्गी ने मूर्ति पूजा पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे थे। इसका विहिप और बजरंग दल समेत कई दक्षिणपंथी संगठनों ने जोरदार विरोध किया था। ध्यान रहे कि इससे पूर्व महाराष्ट्र में भी एक प्रगतिशील लेखक नरेंद्र दाभोलकर की 2013 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष थे। कलबर्गी की तरह दाभोलकर के भी विचारों का दक्षिणपंथी संगठन विरोध करते रहे थे।