अंग्रेजी में भी चला 'काकाबाबू' का जादू
बांग्ला साहित्य में धूम मचा चुके जासूसी किरदार 'काकाबाबू' को अंग्रेजी पाठकों का भी भरपूर प्यार मिल रहा है। निर्मल कांति भंट्टाचार्य ने इस किरदार के रचियता सुनील गंगोपाध्याय की रचना 'भयंकर सुंदर' का अंग्रेजी में 'द ड्रेडफल ब्यूटी' के नाम से अनुवाद किया है।
नई दिल्ली। बांग्ला साहित्य में धूम मचा चुके जासूसी किरदार 'काकाबाबू' को अंग्रेजी पाठकों का भी भरपूर प्यार मिल रहा है। निर्मल कांति भंट्टाचार्य ने इस किरदार के रचियता सुनील गंगोपाध्याय की रचना 'भयंकर सुंदर' का अंग्रेजी में 'द ड्रेडफल ब्यूटी' के नाम से अनुवाद किया है।
अंग्रेजी संस्करण के प्रकाशक पोनीटेल बुक्स के अनुसार इंटरनेशनल बोर्ड ऑन बुक्स फॉर यंग पीपुल [आइबीबीवाए] ने 2012 की अपनी सम्मान सूची में इस रचना को उत्कृष्ट श्रेणी के लिए नामांकित किया है।
सुनील गंगोपाध्याय ने राजाराय चौधरी उर्फ काकाबाबू का किरदार पिछली सदी के आठवें दशक में गढ़ा था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से रिटायर होने के बाद काकाबाबू का समय ऐतिहासिक रहस्यों को सुलझाने में गुजरता है। इन गुत्थियों को सुलझाने में उनका 13 वर्षीय भतीजा संटू भी मदद करता है।
निर्मल कांति भट्टाचार्य के अंग्रेजी अनुवाद में काकाबाबू के पहले कारनामे का जिक्र है। वे कहते हैं, मैं इस बात को मानता हूं कि बांग्ला भाषा में बच्चों और युवाओं के लिए कई बेहतरीन किताबें हैं। जरूरत इस बात की है कि उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाए। अगर मेरी अनुवाद की गई पुस्तक के आइबीबीवाइ में चयनित होने से दूसरे लोग भी ऐसी रचनाओं का अनुवाद करने को प्रेरित होंगे।
केके बिड़ला फाउंडेशन में निदेशक के पद पर तैनात भट्टाचार्य इससे पहले महाश्वेता देवी की रचना 'अरमानी चंपार गाछ' और श्रीशेंदु मुखोपाध्याय की रचना 'गोसाई बागानेर भूत' का अंग्रेजी में अनुवाद कर चुके हैं। आइबीबीवाइ की ओर से 2012 की सूची में 58 देशों की 44 भाषाओं में लिखी गई 169 रचनाएं शामिल की गई हैं। इसमें शामिल की गई पुस्तकों को जापान, रूस और अमेरिका में प्रदर्शित किया गया है।
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