ज्योति हत्याकांड जांच ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी
कानपुर के हाई प्रोफाइल ज्योति हत्याकांड के मुख्य आरोपी पीयूष और उसकी प्रेमिका मनीषा को किसी भी तरह से बचाने की जुगत में लगे दिग्गज सीबीसीआइडी की ओर देख रहे हैं। इसके लिए जोरदार तरीके से पैरवी भी शुरू कर दी गई है। सरकार में दखल रखने वाले कई कद्दावर इस कवायद में जुट गए हैं। जानकार बताते हैं कि जल्द ही वह अपन
लखनऊ। कानपुर के हाई प्रोफाइल ज्योति हत्याकांड के मुख्य आरोपी पीयूष और उसकी प्रेमिका मनीषा को किसी भी तरह से बचाने की जुगत में लगे दिग्गज सीबीसीआइडी की ओर देख रहे हैं। इसके लिए जोरदार तरीके से पैरवी भी शुरू कर दी गई है। सरकार में दखल रखने वाले कई कद्दावर इस कवायद में जुट गए हैं। जानकार बताते हैं कि जल्द ही वह अपने मकसद में कामयाब भी हो जाएंगे। इसकी भनक लगने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है ताकि आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा सके।
बिस्कुट कारोबारी ओमप्रकाश श्यामदसानी के बेटे पीयूष की पत्नी ज्योति की हत्या 27 जुलाई की देर रात हुई थी। हत्या के आरोप में पीयूष और उसकी प्रेमिका गुटखा कारोबारी की बेटी मनीषा मखीजा जेल में है। दोनों को बचाने के लिए शुरू से ही पुलिस पर दवाब बनाया जा रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री के सीधे दखल के कारण बात नहीं बन सकी। दोनों को बचाने कई दिग्गज अब एक साथ जुट गए हैं। इसके लिए इटावा की राह पकड़ी गई है। पैरवी के लिए शहर में रहे एक पूर्व पुलिस अधिकारी व औरैया के सत्ता में पकड़ रखने वाले नेता जी की मदद ली जा रही है। यह लोग सीबीसीआइडी जांच इसलिए चाहते हैं ताकि सत्ता के दवाब और धनबल के आधार पर तफ्तीश की दिशा को बदला जा सके।
सूत्रों के मुताबिक जांच ट्रांसफर की कवायद शुरू होते ही पुलिस को कागजी कार्रवाई पूरी कर जल्द चार्जशीट लगाने की तैयारी करने के आदेश दिए गए हैं। जांच बदलने पर इस पर भी प्रभाव पड़ने की पूरी आशंका है। इसलिए जल्द ही सभी सुबूतों के आधार पर फर्द व चार्जशीट तैयार कर अग्रिम कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। उधर ज्योति के पिता शंकर नागदेव पहले ही पीयूष व मनीषा के परिजनों पर इस केस से अपनों को बचाने के लिए किसी भी हद तक गिरने का आरोप लगा चुके है। हालांकि सभी इस मामले में आरोपियों को सजा होना तय मान रहे है।
ऐसे तो मनीषा बच जाएगी
ज्योति हत्याकांड की सूत्रधार पीयूष की प्रेमिका मनीषा के लिए ब्लैकबेरी की टेक्नालॉजी वरदान साबित होती नजर आ रही है। हत्या के वक्त प्रयुक्त उसके मोबाइल के मैसेज पुलिस अभी तक हासिल नहीं कर पाई है। पुलिस ने ब्लैकबेरी के इंडिया हेड को मेल किया, लेकिन अभी कोई जवाब नहीं मिला है। जबकि पुलिस अन्य कंपनी के प्रयोग में लाए नेटवर्क के मैसेज का डिटेल खंगाल चुकी है। ज्योति की हत्या का मुख्य आरोपी पति पीयूष श्यामदसानी व उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा के बीच हुए मैसेजिंग का 700 पेज का प्रिंट आउट पुलिस नोएडा से ले आई, लेकिन वह अभी तक मनीषा के पर्सनल फोन के मैसेज रिकवर नहीं कर पाई है। जिसे घटना के बाद तोड़ देने की बात सामने आई है। इसके पीछे ब्लैकबेरी की नीतियां व टेक्नालॉजी है। साथ ही उसके हेड के दिल्ली में बैठने के साथ आसानी से उपलब्ध न होना और मुख्य आफिस कनाडा होना भी है। पुलिस ने इससे पहले हत्यारोपी पीयूष व मनीषा के बीच हुए दूसरे नंबर के संवाद व मैसेज की 700 पेज की डिटेल व बयानों के आधार पर मनीषा को षड्यंत्र में सहभागी बनाया है, लेकिन मुख्य मैसेज न मिलने से माथे पर पसीने छूटने लगे हैं।
आईजी आशुतोष पांडेय के मुताबिक बीबीएम (ब्लैकबेरी मैसेंजर) से मैसेज रिकवर करने की मेल इंडिया हेड को करने के बाद रिमाइंडर भेजा जा चुका है। पुलिस उनसे संपर्क बनाए हुए है। जल्द ही कंपनी की पॉलिसी के आधार पर डिटेल कलेक्ट कर केस में शामिल कर ली जाएगी।
चार आरोपियों के फिर लिए गए फिंगर प्रिंट
ज्योति हत्याकांड मामले में पुलिस ने साक्ष्य जुटाने को कल फिर से चार आरोपियों के फिंगर प्रिंट लिए। एक आरोपी के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया पर उन्हें अगली सुनवाई के लिए तारीख दे दी गई। ज्योति हत्याकांड में आरोपी अवधेश, रेनू, सोनू व आशीष के हथेली और अंगुलियों के सादे कागज पर प्रिंट लिए गए। अधिवक्ता संजीव कुमार तिवारी ने बताया कि पुलिस ने प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर सीएमएम सत्यदेव गुप्ता ने शनिवार को फिंगर प्रिंट लेने के आदेश दिए थे। कल अदालत अवकाश पर थी लिहाजा आरोपियों को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र बहादुर सिंह की अदालत में पेश किया गया। यहां पुलिस ने चारों आरोपियों की हथेली और अंगुलियों का प्रिंट लिया। इससे पहले भी पुलिस सीएमएम कोर्ट में चारों आरोपियों के फिंगर प्रिंट ले चुकी है। तब हथेली का प्रिंट नहीं लिया गया था। आरोपी आशीष के अधिवक्ता अहमद अली खान ने दूसरी बार फिंगर प्रिंट लेने का विरोध करते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा क्या हो गया जो पुलिस बार-बार फिंगर प्रिंट ले रही है। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए नौ सितंबर की तारीख तय की।
मनीषा और पीयूष के घर की तलाशी के लिए प्रार्थना पत्र
पुलिस ने मनीषा मखीजा और पीयूष श्यामदासानी के घर की तलाशी के लिए शुक्रवार को सीएमएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। प्रार्थना पत्र में पुलिस ने कहा कि तलाशी से कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिल सकते हैं। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में कल सुनवाई का अवसर आया तो उन्होंने संबंधित कोर्ट में विचारण को एक सितंबर की तारीख तय कर दी।
कानपुर का सिंधी समाज नहीं दे रहा हमारा साथ
ज्योति के पिता शंकर नागदेव ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कानपुर में रहने वाले उनके ही समाज के लोग इस मुश्किल समय में साथ नहीं देंगे। उन्होंने व्हाट्स एप पर कानपुर के सिंधी समाज को संबोधित करते हुए साथ देने की मार्मिक अपील पोस्ट की है। उन्होंने लिखा है कि इस दु:खद घटना के बाद जबलपुर के ही नहीं मेरे समाज के देश-विदेश के लोगों ने साथ दिया, लेकिन कानपुर के समाज ने कभी साथ नहीं दिया। जबकि वहां के सामाजिक संगठन, हर बिरादरी के लोग व पुलिस ने साथ दिया। जो मेरे लिए बहुत दुखदायी था। वहां के कुछ लोगों ने हमें पीयूष को माफ करने की भी वकालत की। पीयूष को मैं कड़ी से कड़ी सजा दिला कर रहूंगा। इसमें मेरा साथ देने वालों का मैं हमेशा ही बड़ा आभारी रहूंगा।
ज्योति के पिता को धमकाने वाले फत्तूराम पर मुकदमा
ज्योति हत्याकांड के आरोपी पति पीयूष की पैरवी में ज्योति के पिता को धमकी देने वाले फत्तूराम के खिलाफ जबलपुर के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आईजी आशुतोष पांडेय ने प्रकरण की जांच डीआईजी आरके चतुर्वेदी को सौंपी है। पुलिस फोन करने वाले के विषय में जांच कर रही है। जबलपुर के कैंट थाना निवासी ज्योति के पिता शंकर नागदेव को बृहस्पतिवार को इटावा के टेलीफोन नंबर (05688-252101) से मोबाइल पर मामले में पैरवी करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए फोन किया गया था। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने पर जबलपुर के कैंट थाने ने मामला दर्ज कर लिया गया। दूसरी तरफ शंकर नागदेव ने फैक्स कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पूरी आपबीती बताई। मुख्यमंत्री ने फैक्स को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के आदेश दिए हैं। आईजी आशुतोष पांडेय के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच डीआईजी आरके चतुर्वेदी को सौंपी गई है। इटावा निवासी आरोपी फत्तूराम ज्योति के पति पीयूष के पिता ओपी श्यामदसानी के पार्टनर के समधी हैं। नंबर उनके घर का है, लेकिन फोन किसने किया इसकी जांच की जा रही है। साथ ही मुकदमे की सुनवाई व पैरवी के दौरान आने वाले ज्योति के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।