लंदन में आठ घंटे व जालंधर में पांच साल बाद मिला इंसाफ
पांच साल से जालंधर की कोर्ट में चल रहे दहेज प्रताड़ना के केस में जीत हासिल करने वाले दिल्ली निवासी एनआरआई राजीव मेहता (39) ने कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाया है। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में नई दिल्ली के नारोजी नगर निवासी राजीव मेहता ने बताया कि वह
जालंधर। पांच साल से जालंधर की कोर्ट में चल रहे दहेज प्रताड़ना के केस में जीत हासिल करने वाले दिल्ली निवासी एनआरआई राजीव मेहता (39) ने कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाया है। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में नई दिल्ली के नारोजी नगर निवासी राजीव मेहता ने बताया कि वह लंदन की हेरो सिटी में रहता है और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। 2003 में उसकी शादी वकालत की प्रैक्टिस कर रही न्यू प्रेम नगर निवासी प्रॉपर्टी डीलर कृष्ण पाल बंसल की बेटी सविता से हुई थी। शादी के बाद वह उसे लंदन ले गया।
राजीव के मुताबिक, शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल वाले उस पर अपने कालेधन को सफेद करने के लिए दबाव बनाने लगे। कुछ समय तक तो माना, लेकिन बाद में मना कर दिया। इससे खफा सविता ने उस पर दबाव बनाया कि अपने माता-पिता को ओल्ड एज होम भेज दे। मना करने पर विवाद करने लगी और 2009 में उस पर दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा का केस कर दिया। वहां की पुलिस ने आठ घंटे में ही सारी जांच कर ली और उसे बेकसूर साबित किया।
राजीव ने बताया कि 2010 में उसे पता चला कि उसके ससुराल वालों ने उसके खिलाफ जालंधर के थाना तीन में दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया है। उसके बाद से वह जालंधर में आकर केस लड़ने लगा। ससुराल वालों ने दिल्ली का झूठा पता पुलिस को दिया, जबकि वो जानते थे मैं लंदन में रहता हूं। पुलिस ने उसे भगोड़ा करार दे दिया। पांच साल केस लड़ने के बाद आखिर जीत हासिल हुई। उसने कहा कि लंदन में उसे मात्र आठ घंटे में इंसाफ मिला, लेकिन जालंधर पुलिस की जांच इतनी धीमी थी कि उसे दोषमुक्त होने में पांच साल लग गए।