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जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी और शरद की सभा : किसकी होगी पार्टी, नीतीश या शरद की?

शनिवार को जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई तो वहीं पार्टी के बागी नेता शरद यादव की अध्यक्षता में विक्षुब्ध नेताओं ने अलग बैठक की। संशय बना रहा कि असली जदयू किसकी है?

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 08:36 AM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 11:18 PM (IST)
जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी और शरद की सभा : किसकी होगी पार्टी, नीतीश या शरद की?

पटना [काजल]। शनिवार को बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज  रही, एक ओर जहां जदयू  की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक और खुला अधिवेशन हुआ, तो वहीं पार्टी के बागी सदस्यों की अलग बैठक भी हुई, जिसकी अध्यक्षता शरद यादव ने की। दोनों बैठकों से साफ हो जाता है कि जदयू में दरार पड़ चुकी है और जल्द ही पार्टी दो फाड़ हो सकती है। 

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बहरहाल, जदयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि पार्टी में कोई दरार नहीं है और ‘‘शरद यादव स्वेच्छा से छोड़कर गए हैं ।’’ लेकिन दोनों आयोजनों पर सबकी निगाह टिकी रहीं और लोग जानने को बेताब रहे कि अाखिर असली जदयू किसकी है। कौन ज्यादा ताकतवर है? जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या जदयू के बागी नेता शरद यादव।

जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए अहम फैसले

  जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर जदयू के एनडीए में शामिल  होने का औपचारिक एलान हो गया और सबकी सहमति से उसपर मुहर लग गई। वहीं महागठबंधन से अलग होने के कारणों की विस्तार से चर्चा भी हुई।

पार्टी के बिहार में जदयू के महागठबंधन छोड़ भाजपा से हाथ मिलाने का मुखर विरोध कर रहे शरद यादव शनिवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित सम्मेलन में शामिल हुए और उनके साथ समर्थक भी मौजूद रहे। जिसमें अली अनवर, रमई राम सहित कई लोग शामिल रहे।

शुक्रवार को हुई थी अहम बैठक

शनिवार की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले शुक्रवार की शाम जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1, अणे मार्ग में पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के  पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें  राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय  परिषद में रखे जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की गयी और उन्हें अंतिम रूप  दिया गया। साथ ही शरद यादव की गतिविधियों को लेकर भी चर्चा हुई।

नीतीश को चुनौती देने के लिए शरद की जन अदालत

शरद यादव गुट का आहूत सम्मेलन जिसे 'जन अदालत' नाम दिया गया है इसका आयोजन पटना के एसकेएम हॉल में किया गया। कहा जा रहा है कि शरद ने  नीतीश कुमार को खुली चुनौती देने के मकसद से इस सम्मेलन का आयोजन किया है जिसमें नीतीश के फैसले से विक्षुब्ध नेताओं का जुटान हुआ था।

शरद यादव पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर ठोकेंगे दावा 

इतना ही नहीं, शरद गुट ने पार्टी के नाम एवं चुनाव चिन्ह पर दावेदारी के लिए जल्द ही चुनाव आयोग में जाने का फैसला किया है। इससे स्पष्ट है कि जदयू में सुलह समझौते की सभी संभावनाएं खत्म हो गई हैं। 

शरद गुट ने कहा- सबको पता चल जाएगा रियल जदयू कौन?

शुक्रवार को पार्टी से निलंबित सदस्य अली अनवर ने नीतीश कुमार का बिना नाम लिये बताया कि दिल्ली में आयोजित साझी विरासत बचाओ सम्मेलन की अभूतपूर्व सफलता से भाजपा की गोद में जा बैठे जदयू नेताओं को अहसास हो गया होगा कि रियल जनता दल यू कौन है। उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, नीतीश जी  भाजपा में समाहित जदयू का नेतृत्व कर रहे हैं। 

अनवर ने जदयू में विभाजन के सवाल पर कहा, इसकी जरूरत कहां है? रियल जदयू तो शरद यादव के साथ है। कल के सम्मेलन के उद्देश्य के बारे में उन्होंने कहा, बिहार में हमलोग दो तरह की बाढ़ की चपेट में हैं। एक बाढ़ तो नदी से निकलकर आई है, भले ही वो जलधारा नेपाल से आकर तबाही मचा रही है।

दूसरी धारा राजनीतिक नदी से त्रासदी फैला रही है उसमें कोर्स ही चेंज कर दिया है। वो धारा हम लोग समाजवादियों की है जो भाजपा की गोद में चली गई है। सम्मेलन में ऐसे समाजवादियों की बदली धारा के विकल्प पर विमर्श किया जाएगा। इस त्रासदी से जनता को उबारने का प्रयास करेंगे।

वैसे भी हमारे पास न केंद्र की, न राज्य सरकार की ताकत है कि जनता के बीच उडऩखटोले से हवाई सर्वेक्षण करेंं। जनता के दुख को बांटने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को जरूर लगाएंगे।  

पारिवारिक विरासत सम्मेलन कर रहे शरद : जदयू

जदयू ने शरद यादव के सम्मेलन पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे पारिवारिक विरासत सम्मेलन कर रहे हैं। इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। पार्टी के प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा, शरद यादव को सम्मेलन के लिए खर्च करने की जरूरत नहीं थी।

उन्होंने कहा कि बेहतर होता वे लालू जी के आवास पर सम्मेलन कर लेते। सम्मेलन का औचित्य केवल अपने पुत्र का राजनीतिक समायोजन करना है। 

साझी विरासत बचाओ सम्मेलन में शरद ने दी चुनौती

बिहार में जदयू के महागठबंधन छोड़ भाजपा से हाथ मिलाने का मुखर विरोध कर रहे शरद यादव ने नीतीश कुमार को खुली चनौती देने के मकसद से सियासी प्लेटफार्म पर अपनी एकजुट ताकत दिखाते हुए  विपक्ष के दर्जन भर से अधिक दलों के दिग्गज चेहरों के साथ शरद ने दिल्ली में 'साझी विरासत बचाओ सम्मेलन' का आयोजन किया था।

सम्मेलन में उन्होंने  नीतीश कुमार को भी यह साफ संदेश दे दिया कि विपक्षी एकता को दरकाने का उनका मंसूबा कामयाब नहीं होगा। इस सम्मेलन के बहाने विपक्षी पार्टियों के दिग्गजों को जुटाया। कंस्टीट्यूशन क्लब में हुए इस सम्मेलन में राहुल के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, सीताराम येचुरी, फारूख अब्दुल्ला, तारिक अनवर समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।

राज्यसभा के नेता पद से शरद को हटाया था

पार्टी के खिलाफ बगावत करने के कारण जदयू ने शरद यादव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और उन्हें राज्यसभा के संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया। उनकी जगह आरसीपी सिंह को जदयू संसदीय दल का नया नेता चुन लिया गया है।  


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