जश्ने-ए-उर्दू हुआ ‘गुलजार’
हर तरफ खुशबू है प्यार है एक तरफ वेलेंटाइन डे है तो दूसरी तरफ उर्दू से इश्क है। दिल्ली मे चल रहे जश्न-ए-उर्दू फेस्टीवल इसे रेख्ता नामक फाउंडेशन ने आयोजित किया है।
नई दिल्ली। हर तरफ खुशबू है प्यार है एक तरफ वेलेंटाइन डे है तो दूसरी तरफ उर्दू से इश्क है। दिल्ली मे चल रहे जश्न-ए-उर्दू फेस्टीवल इसे रेख्ता नामक फाउंडेशन ने आयोजित किया है। ये उत्सव और भी गुलजार हुआ जब उर्दू और हिंदी के जाने माने शायर गुलजार ने भी इसमें शिरकत की।
जश्न-ए-रेख्ता में हर उम्र के लोग पहुंच रहे हैं।
तीन दिवसीय इस आयोजन में बड़ी संख्या में युवा भी शामिल हो रहे हैं। उर्दू से अपने लगाव के बारे में एमबीबीएस की स्टूडेंट जीया प्रसाद कहती है यूथ के बारे मे ये ना सोचा जाए वो केवल रैंप ही पंसद करते हैं। यह उत्सव गवाह है इस बात का कि उन्हें शेर और शायरी से कितनी मोहब्बत है।
इस फेस्टिवल में बैंगलुरू से आए अमित कहते है। “मुझे उर्दू से तभी और ज्यादा लगाव हुआ जब मैने गालिब को छुआ गुलजार जा पहुंचा। अब तो गुलजार जहां जहां जाते है मै उनके पीछे हो लेता हूं”।
खुद गुलजार कहते है उर्दू के प्रति लगाव को लेकर रेख्ता कि यह पहल काबिले-ए-तारीफ है। मैं खुद को खुदकिस्मत मानता हूं जो इतनी बड़ी संख्या में आए जो उर्दू जबान के प्रति लगाव रखने वाले लोगों के बीच हूं। ये कारवां यू ही चलता रहे और उर्दू से लगाव बनता रहें।