US फेड चीफ ने दिए ब्याज दर बढ़ाने के संकेत, भारतीय शेयर बाजार सहमा
अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं के बीच भारतीय शेयर बाजार सहमा हुआ है। भारतीय शेयर बाजार की नजर सोमवार को होने वाले ऐलान पर टिकी है।
नई दिल्ली (एएफपी)। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की चेयरमैन जेनेट येलेन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में में सुधार के प्रति उम्मीद जताते हुए आने वाले समय में ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के संकेत दिए हैं। येलेन द्वारा ब्याज दरों में बढोत्तरी के संकेत को देखते हुए भारतीय शेयर बाजार सहमा हुआ है शेयर बाजार की नजर सोमवार को होने वाले अमेरिकी ब्याज दरों के ऐलान पर टिकी हैं।
जानकारों की ब्याज दरों को लेकर अलग अलग राय है। कुछ जानकारों का कहना है कि ब्याज दरों में बदलाव से भारतीय शेयर बाजार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा लेकिन कुछ आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरों में बदलाव से विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय शेयर बाजार से अपनी पूंजी निकालना शुरू कर सकते हैं। जिसका असर शेयर बाजार में देखने को मिल सकता है।
अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच गुरुवार को निवेशकों ने अंतिम कारोबारी घंटों में शेयरों में चौतरफा बिकवाली की थी। इससे बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 224.03 अंक लुढ़ककर 27835.91 अंक पर पहुंच गया था। दो हफ्तों में किसी एक दिन में इस संवेदी सूचकांक की सबसे बड़ी गिरावट थी। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 58.10 अंक टूटकर 8592.20 अंक पर बंद हुआ था।
वायदा सौदों के निपटान का अंतिम दिन होने के कारण भी बाजार में उठापटक रही। यूरोपीय बाजारों की कमजोर शुरुआत ने भी घरेलू बाजार की कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर डाला। अन्य एशियाई बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए थे।
सेंट्रल बैंकरों की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए येलेने ने मजबूत विकास का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में फेडरल बैंक की दरें बढ़ सकती हैं। जेनेट येलन ने कहा, "लेबर मार्केट के मजबूत आंकड़े और इकोनॉमिक एक्टिविटी तथा महंगाई को लेकर हमारा आउटलुक उम्मीद के मुताबिक है इसलिए आने वाले समय में दरें बढ़ाने की संभावना बढ़ गई हैं।" इक्विटी और वस्तु बाजार में आई तेजी से येलेन ने मौद्रिक नीति निर्माताओं के इरादों को स्पष्ट कर दिया जिसके तहत भविष्य में दरों में बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
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बाजार पर नजर रखने वाले लोगों ने इसी वर्ष शिकायत की थी कि फेड की सार्वजनिक घोषणाओं रहस्यमयी होने के साथ-साथ विरोधाभासी भी थी जिस कारण निवेशकों में उलझन की स्थिति है। यूएस फेड ने एक दशक के दौरान 2015 में पहली बार अपनी दरों में बढ़ोत्तरी की थी। लेकिन नीति निर्माताओं को डर है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था उस गति से आगे नहीं बढ़ रही है जिस तरह से वैश्वक जोखिम हैं विशेषकर चीन और यूरोप से।
उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में फेड की बें्क दर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी की उम्मीद की जानी चाहिए। येलेन ने कहा, श्रम बाजार के लगातार मजबूत प्रदर्शन तथा आर्थिक गतिविधि व मुद्रास्फीति को लेकर हमारे परिदृश्य को देखते हुए मेरा मानना है कि हाल के महीनों में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ी है।
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येलेन के वक्तव्य से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि सितंबर में होने वाली अपनी अगली बैठक से पहले फेड अपने वर्तमान 0.25-0.50 प्रतिशत के रेट स्तर में बढ़ोत्तरी कर सकता है। येलेन के इस संकेत के बाद साफ है कि दरों में जल्द ही बढोत्तरी होगी। येलेन ने आगाह किया है कि फेड का फैसला आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा जिसका रुप व्यापक हो सकता है।