भारत ही नहीं दुनिया के इन देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है दिवाली
देश और दुनिया के अलग अलग देशों में प्रकाश के त्योहार दीपावली को धूमधाम से मनाया जा रहा है।
नई दिल्ली [ स्पेशल डेस्क ] । रोशनी या दीपावली का त्योहार न केवल भारत में मनाया जाता है, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबित मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने असुर सम्राट रावण का वध कर लोगों को बुराई से निजात दिलाई थी। लंका विजय के पश्चात जब श्रीराम अयोध्या लौटे उस दिन अयोध्यावासियों ने दीप जलाकार अपने ईष्ट का स्वागत किया और उसके बाद दीपावली की परंपरा की शुरुआत हुई। भारत में दीपों के इस त्योहार को दीवाली या दीपावली के नाम से जाना जाता है। प्रकाश का ये त्योहार सरहदों को पार दुनिया के अलग अलग देशों में दस्तक दी और अलग अलग नाम से इस त्योहार को मनाने की शुरुआत हुई। आइए आप को बताने की कोशिश करते हैं कि किन किन देशों में इस त्योहार को मनाया जाता है।
नेपाल
नेपाल में दीपावली को 'तिहाड़' के रुप में मनाया जाता है। ये उत्सव यहां पांच दिनों तक चलता है। पहले दिन गायों की पूजा की जाती है। दूसरे दिन कुत्तों की पूजा की जाती है और उन्हें भोजन दिया जाता है। उत्सव का तीसरा दिन भारत की दीवाली के जैसा ही होता है, उस दिन मिठाइयां बनाई जाती हैं, देवी-देवता की पूजा की जाती है और घरों को सजाया जाता है। चौथे दिन भगवान यमराज की पूजा होती है और पांचवा दिन भैया दूज के रूप में भाई-बहन को समर्पित होता है।
म्यांमार
म्यांमार भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित है। म्यांमार में भारतीयों की संख्या ज़्यादा होने के कारण वहां भी दीपावली के उत्सव को बहुत जोश और उत्साह से मनाया जाता है. दीपावली के दिन यहां का एक बड़ा वर्ग देवी-देवताओं की पूजा करता है। उत्सव के दिन लोग अच्छे-अच्छे पकवान और मिठाइयां बनाते हैं। साथ अपने सांस्कृतिक नृत्य और लोक गीत का प्रदर्शन भी करते हैं।
जापान
जापान के लोगों का दीवाली सेलिब्रेट करने का तरीका भारतीयों से बिलकुल अलग है। लोग अपने बगीचों में पेड़ों पर लालटेन और कागज से बने पर्दे लटका देते हैं, साथ ही वे फ्लाइंग लालटेन को आकाश में छोड़ देते हैं जिन्हें देख कर कोई भी अपनी नज़रे उनसे हटाना नहीं चाहेगा। दीवाली की रात सभी लोग साथ मिलकर गाते और नाचते हैं। इस उत्सव के दौरान कुछ लोग बोटिंग भी करते हैं और इस त्योहार का आनंद उठाते हैं।
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया का दीवाली बनाने का तरीका भारतीयों जैसा ही है। इस चमकदार त्यौहार की रोशनी आपको बाली के आइलैंड में देखने को मिलेगी, क्योंकि इस क्षेत्र में भारतीयों की आबादी ज्यादा है। यहां की रामलीला में लोग इंडोनेशियन संस्कृति के मुताबिक तैयार होते हैं और रामलीला का मंचन करते हैं।
मलेशिया
मलेशिया में पटाखों पर बैन है, लिहाजा यहां की दीवाली में पटाखों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। दीवाली को 'हरि दीवाली' के रूप में मनाया जाता है। मलेशिया में दीवाली दक्षिण भारतीय परंपरा के साथ मनाई जाती है। त्योहार के दिन सुबह जल्दी उठ कर तेल और पानी से स्नान करने की परंपरा है। इसके बाद देवी-देवता की पूजा की जाती है। साथ ही कई जगहों पर दीवाली उत्सव के लिए मेले भी लगाए जाते हैं।
मारीशस
मॉरीशस के पास रामयाण का अपना अलग संस्करण है जिसके हिसाब से वे इस उत्सव को मनाते हैं। मॉरीशस वासियों की धारणा के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने नर्कासुरन (Narakasuran) असुर का विनाश किया था। मारीशस में 63 फीसद भारतीय और 80 फीसद हिन्दुओं के चलते इस त्योहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
श्रीलंका
श्रीलंका भारत का पड़ोसी देश होने के साथ-साथ महाकाव्य 'रामायण' से भी जुड़ा हुआ है, यही वजह है कि लंका के निवासियों के लिए भी दीवाली का त्योहार खास महत्व रखता है। दीपावली के मौके पर लोग अपने घरों को चीनी मिट्टी के दीयों से सजाते हैं। इस उत्सव में लोग एक-दूसरे के घर जाकर उनसे मिलते हैं और साथ में लजीज भोजन करने का रिवाज है।
सिंगापुर
सिंगापुर में हिन्दुओं की बड़ी आबादी बसती है. इस देश में 18 हिंदू मंदिर हैं। यहां सेरंगूं नाम की रोड दीवाली के लिए मशहूर है. इस क्षेत्र को 'लिटिल इंडिया' भी कहा जाता है. यहां सभी भारतीय एकत्रित होकर बिना पट्टाखों के दीवाली मनाते हैं। इस त्योहार को मनाते वक्त जितनी खुशी भारतीयों को होती है, उतनी ही खुशी सिंगापुर के निवासियों को भी होती है। वे भी उत्सव में हिस्सा लेते हैं और इस त्योहार का लुत्फ उठाते हैं।
थाईलैंड
थाईलैंड एक ऐसा देश है, जो सिर्फ दीपावली ही नहीं ,बल्कि दुनिया के कई त्योहारों को अनोखे ढंग से मनाता है।थाईलैंड में दीवाली को 'लम क्रियओंघ' के नाम से मनाया जाता है। यहां इस उत्सव में केले के पत्तों के दिए बनाकर, उनमें सिक्का और उस पर मोमबत्ती रखने की पंरपरा है. इसके बाद दिए को नदी के बहाव में छोड़ दिया जाता है। साथ ही यहां के लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और मिलकर भोजन करते हैं।