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कांग्रेस को क्यों होता है दुख, बड़ी पार्टियों को पहले भी सरकार बनाने का नहीं मिला है मौका

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया। उन्होंने कहा कि अंतरात्मा इस तरह की सरकार चलाने की गवाही नहीं दे रही है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 10:51 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 03:34 PM (IST)
कांग्रेस को क्यों होता है दुख, बड़ी पार्टियों को पहले भी सरकार बनाने का नहीं मिला है मौका

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । 20 महीने पहले महागठबंधन की जीत के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि जेडीयू और राजद का एक साथ आना नई राजनीति की शुरुआत है। लेकिन 20 महीने बाद बुधवार को नीतीश कुमार ने कहा कि हालात कुछ ऐसे हो गए थे कि वो इस तरह की सरकार नहीं चला सकते हैं। राज्यपाल से मिलकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। नीतीश के इस्तीफे पर लालू यादव जमकर बरसे और कहा कि वो चाहते हैं कि तीनों दल एक साथ मिलकर नया चेहरा तय करें। लेकिन इस बीच भाजपा ने नीतीश कुमार को समर्थन देकर ये साफ कर दिया कि बिहार की राजनीति में पुराने दोस्त एक साथ एक बार फिर मंच पर दिखेंगे। राज्यपाल ने भी जेडीयू-भाजपा गठबंधन को सरकार बनाने का मौका दिया। लेकिन कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने राज्यपाल के फैसले को कुछ यूं कोसा

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दिग्विजय सिंह ने बशीर बद्र के शेर के जरिए दुख के साथ बिना नाम लिए नीतीश कुमार पर तंज कसा।

लेकिन वो भूल गए कि ये पहला मौका नहीं है जब सबसे बड़े दल को सरकार के लिए न बुलाया गया हो। आजादी के बाद से कई बार ऐसा हुआ है कि राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं दिया। आइए कुछ पर नजर डालते हैं

 सबसे बड़े दल की बाध्यता नहीं

ये जरूरी नहीं है कि सबसे बड़े दल को ही सरकार बनाने के लिए बुलाया जाए। 1996 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली बीजेपी को राज्यपाल रोमेश भंडारी ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया। इसके खिलाफ बीजेपी अदालत पहुंच गई थी। लेकिन 19 दिसम्बर 1996 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि विधानसभा के सबसे बड़े दल को सरकार बनाने को कहने के लिए राज्यपाल बाध्य नहीं हैं। राज्यपाल अपने विवेक के अनुसार यह तय कर सकता है कि किस दल या गठबंधन को विधानसभा का विश्वास प्राप्त है या हो सकता है।

केजरीवाल सरकार

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी। 70 सीटोंवाले इस विधानसभा चुनाव में आप को 28 और कांग्रेस को सिर्फ आठ सीटें मिली थीं। लेकिन तत्कालीन राज्यपाल नजीब जंग ने अरविंद केजरीवाल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।

शिबू सोरेन सरकार

दिल्ली से पहले 2005 में झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा-जेडीयू गठबंधन को 36 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन को 81 सदस्यीय विधानसभा में से सिर्फ 26 सीटें मिली थीं। लेकिन राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन को सरकार बनाने के लिए कहा था।

कर्नाटक में धरम सिंह सरकार

कर्नाटक के 2004 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 224 में से 79 सीटें मिली। कांग्रेस को 65 सीटें और जेडीएस को 58 सीटें मिली थीं। लेकिन राज्यपाल टीएन चतुर्वेदी ने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। जिसने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाई और धरम सिंह मुख्यमंत्री बने।

यूपी में बीजेपी को मौका नहीं

उत्तर प्रदेश में 1996 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 176 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी। लेकिन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने भाजपा को आमंत्रित ना करके राज्यपाल शासन लगा दिया।

मुलायम सिंह सरकार

1993 में भी राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को मौका नहीं दिया था। भाजपा को 178 सीटें मिली थी। जबकि समाजवादी पार्टी को 109 सीटें और बसपा को 67 सीटें मिली थीं। दोनों की सीटें मिलाकर भी भाजपा से कम थी लेकिन सरकार बनाने का मौका मिला मुलायम सिंह यादव को।

हरियाणा में भी राज्यपाल की मर्जी

सबसे बड़ी पार्टी ओर गठबंधन के हिसाब से 1982 में हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा-लोकदल को 36 सीटें मिली। कांग्रेस को एक कम 35 सीटें मिली थीं। लेकिन राज्यपाल जीडी तपासे ने कांग्रेस को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया।

राजस्थान में सुखाड़िया सरकार

1967 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में गैर कांग्रेसी गठबंधन को 93 और कांग्रेस को 88 सीटें मिली थी। लेकिन राज्यपाल डॉ संपूर्णानंद ने कांग्रेस के मोहनलाल सुखाड़िया को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।

मद्रास में सी राजगोपालाचारी सरकार

1952 के मद्रास विधानसभा चुनाव (14 जनवरी 1969 के बाद तमिलनाडु विधानसभा ) में कांग्रेस को 312 में से 155 सीटें मिली थी जबकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को उससे ज्यादा 166 सीटें मिली थीं। फिर भी राज्यपाल ने कांग्रेस के सी राजगोपालाचारी को आमंत्रित किया।
 

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