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कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में कितने सफल हो पाएंगे राहुल गांधी

शकील अहमद ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की कई दिनों से ये इच्छा थी कि जल्द राहुल गांधी प्रेसिडेंट बनकर पार्टी का नेतृत्व करें।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 14 Oct 2017 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 15 Oct 2017 09:25 AM (IST)
कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में कितने सफल हो पाएंगे राहुल गांधी

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। पिछले कई वर्षों से लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की तरफ से उठ रही मांग और उसको लेकर लगाए जा रहे कयासों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह साफ कर दिया कि जल्द ही राहुल गांधी को अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी जाएगी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब 'द कोएलिशन इयर्स 1996-2012' के लॉन्च के मौके पर सोनिया गांधी ने एक चैनल से ये बात कही। ऐसा ये पहला मौका था जब सोनिया ने खुलकर अपनी बात कही हो क्योंकि राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाने की पिछले कई वर्षों से मांग उठ रही थी लेकिन उन्होंने अभी तक इस पर चुप्पी साध रखी थी। 

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दिवाली बाद राहुल बनेंगे पार्टी प्रेसिडेंट!

सोनिया गांधी की तरफ से खुलकर इस बारे में बोलने के बाद अब इसमें कोई शक नहीं रह गया है कि राहुल गांधी को प्रेसिडेंट बनाने में अब कोई अड़चन है। इससे पहले राहुल गांधी ने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्कले में खुद भी कहा था कि उन्हें जब भी पार्टी प्रेसिडेंट बनने के लिए कहा जाएगा वो उसके लिए तैयार हैं। Jagran.com से खास बातचीत में कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने बताया कि ये कांग्रेस पार्टी और उनके कार्यकर्ताओं के लिए बेहद खुशी की बात है कि सोनिया गांधी ने खुद इस बात को साफ कर दिया है।

पार्टी में बढ़ेगा उत्साह
शकील अहमद ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की कई दिनों से ये इच्छा थी कि जल्द राहुल गांधी प्रेसिडेंट बनकर पार्टी का नेतृत्व करें। ऐसे में कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी की तरफ से इस बात को साफ कर देने के बाद पार्टी का उत्साह और बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि ये महज एक संयोग है कि इस बात का एलान ऐसे वक्त पर किया गया है जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पॉपुलरिटी कम हो रही है जबकि राहुल गांधी की पॉपुलरिटी का ग्राफ बढ़ रहा है। शकील अहमद ने राहुल गांधी की पॉपुलरिटी बढ़ने का एक उदाहरण देते हुए बताया कि पिछले दो महीने में राहुल गांधी के ट्विटर पर 12 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स बढ़ गए हैं। इससे यह साफ है कि देश की जनता उनको पसंद करती है।

राहुल में अब पहले से ज्यादा मैच्योरिटी
अगले प्रेसिडेंट के तौर पर काम करने के बारे में बातचीत करते हुए शकील अहमद ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं कि पहले के मुकाबले अब राहुल गांधी काफी ज्यादा मैच्योर हुए हैं। राहुल के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि एक इंसान को आगे के लक्ष्य के प्रति ईमानदार कोशिश करनी चाहिए। राहुल की सोच पर किसी भारतीय को कई शक नहीं है। ऐसे में वह आज देश की युवाओं की उम्मीद बन गए हैं और देश की जनता आशा भरी नजर से उनकी तरफ देख रही है।

इंदिरा और राजीव का भी राहुल की तरह उड़ा था मजाक
अगले प्रेसिडेंट के तौर पर राहुल गांधी की जिम्मेदारी के बारे में Jagran.com से खास बातचीत करते हुए वरिष्ठ पत्रकार मधुकर उपाध्याय ने बताया कि मजाक सिर्फ राहुल का ही नहीं उड़ाया गया बल्कि इतिहास के पन्नों में अगर झांके तो कुछ इसी तरह का मजाक इंदिरा और राजीव गांधी के बारे में भी उड़ा था। उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने कभी इंदिरा गांधी को गूंगी गुड़िया कहा था। वहीं, जब राजीव गांधी राजनीति में आए उस वक्त उन्हें परिस्थिति राजनीति में लेकर आयी थी। उस वक्त भी राजीव गांधी के बारे में कम मजाक नहीं उड़ा। लेकिन, इंदिरा और राजीव गांधी की कार्यशैली सबने देखी और इस बात की दुनिया मुरीद है। ऐसे में राहुल की कार्यशैली के बारे में इतनी जल्दी किसी तरह का आकलन जल्दबाजी होगी।

राहुल ने दिखाया करिश्मा
मधुकर उपाध्याय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से सोनिया गांधी के अस्वस्थ रहने के चलते राहुल गांधी ही पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। ऐसे में अगर पार्टी में किसी तरह की बड़ी टूट नहीं हुई है तो उसके दो कारण हैं। एक ये कि या तो कार्यकर्ता कांग्रेस के प्रति काफी वफादार है जिसके चलते पार्टी को छोड़कर नहीं जा रहे हैं। या फिर, दूसरा ये कि राहुल गांधी ने अपने नेतृत्व के बल पर पार्टी को टूटने से बचाया है। 

अब तक राहुल की कार्यशैली लगातार उठे सवाल
राहुल गांधी को भले ही जल्द पार्टी की कमान सौंप दी जाए लेकिन एक हकीकत ये भी है कि उनके तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक पार्टी कोई करिश्मा नहीं कर पायी है। Jagran.com से खास बातचीत में कांग्रेस पार्टी को बेहद करीब से देखते आ रहे वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने बताया कि क्योंकि कांग्रेस के पास कोई विकल्प नहीं है इसलिए राहुल गांधी को प्रेसिडेंट बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वक्त कांग्रेस पार्टी तीन संकट से गुजर रही है- नीति, रणनीति और नेतृत्व। ऐसे में कांग्रेस को इस समय जनाधार बढ़ाने वाला नेता चाहिए जो उसका नेतृत्व करे। राहुल अभी तक इस कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं। जब नेतृत्व अच्छा होता है तो सही दिशा दे पाता है।

सोनिया के चलते पार्टी टूट से बची
अवधेश कुमार ने बताया कि सोनिया गांधी जिस वक्त पार्टी की प्रेसिडेंट बनी उस समय पार्टी में सिर फुटौव्वल चल रह था। ऐसे में वह प्रेसिडेंट बनी। परिस्थिति ने कांग्रेस को सत्ता में पहुंचा दिया। इसके साथ ही, सोनिया का कांग्रेस को लाभ भी मिला। लेकिन, पार्टी में एक बार फिर वंशवाद लौट आया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जनवरी 2013 से पार्टी के उपाध्यक्ष हैं। लेकिन, उपाध्यक्ष के तौर पर ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे ऐसा लगा हो कि उन्होंने पार्टी को संकट से उबारा हो। पार्टी की लोकसभा चुनाव में एतिहासिक हार हुई। ऐसे में राहुल की कार्यशैली और योग्यता पर इस वक्त सवाल उठना लाजिमी है।

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