सोना कितना सोना है, दीपावली पर सोने जैसी तेरे घर की सजावट
दिवाली का त्योहार आ चुका है और हर व्यक्ति अपने-अपने घरों को सजाने में जुटा हुआ है। आईए जानें होम डेकोर में कैसे बढ़ रहा है सोने का इस्तेमाल...
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। दिवाली का त्योहार आ चुका है और हर व्यक्ति अपने-अपने घरों को सजाने में जुटा हुआ है। बाजारों में रौनक है और घरों को सजाने वाले उपकरणों की भी भरमार है। लेकिन सजावट में एक चीज जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय है वह सोना है। जी हां, भारतीय घरों में सजावट के लिए सोने के प्रति लगाव बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि साल 2020 तक यह एक बड़ा बाजार बन जाएगा और इस बहुमूल्य धातु के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
भारत ने रियल इस्टेट के क्षेत्र ने पिछले एक दशक में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। लगभग 1 दशक पहले कई हाउसिंग प्रोजेक्ट व डेवलपमेंट फर्म भारत के अमीर लोगों के लिए समृद्ध और लक्जरी जीवन प्रदान करने के विचार पर काम कर रहे थे। इसीलिए कई तरह के काल्पनिक और बहुत ही सुंदर होम डेकोर पेश किए गए थे। इनमें से ज्यादातर या तो विंटेज थे या भड़कीले (किस्च) सजावटी सामान।
अंग्रेजों के काल में सोने का इस्तेमाल
जहां एक ओर विंटेज होम डेकोर अंग्रेजी शासन या पूर्व-औपनिवेशिक काल का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं किस्च रेट्रो और आधुनिक के बीच का प्रतिनिधित्व करते दिखते हैं। बाद में, यह अलग भड़कीले रंगों वाली दीवारों व एनिमल फीचर के कारण अलग स्टाइल में दिखा। दोनों के बीच समानता यह है कि दोनों में गोल्ड और मेटल के बिल्कुल अलग शेड्स का इस्तेमाल होता है। यहां तक कि अब आधुनिक होम डेकोर में भी सोने के विभिन्न रूपों का इस्तेमाल किया जाता है।
सोने के लिए भारत में प्यार शाश्वत है। और अब यह घरों में अंदरूनी साज-सज्जा के कई रूपों में पहुंच रहा है। किसी भी तरह की मंदी ने न तो सोने के लिए प्यार को कम किया है और न ही इंटीरियर डिजाइनिंग में इसके शेड्स को। होम डेकोर में करीब 2 दशक से जाना-माना नाम मंत्रा खास तौर पर ऐसे इंटीरियर डिजाइनिंग के लिए जाना जाता है। दिवाली के अवसर पर भी कंपनी ने 15 पीस पूजा सैट से लेकर गजलक्ष्मी लैंप और गणेश प्रतिमाएं भी पेश की हैं।
आधुनिक घरों में सोने के रंगों का अनुकूलन
अब आधुनिक स्टाइल वाले घरों में भी सोने का या सुनहरे रंग के इंटीरियर का इस्तेमाल हो रहा है। निकोलस काल्डर और पॉल सिस्किन जैसे समकालीन डिजाइनरों ने आधुनिक शहरी घरों में सोने के उपयोग को ज्यादा प्रचलित किया है। भारत के बड़े घरों में भी अब सोने के अलंकरणों, पत्तों आदि का डेकोर के रूप में इस्तेमाल बढ़ा है। इस तरह का एक उदाहरण राजस्थान में मशहूर मार्बल स्टोन व मिट्टी के बर्तनों में सुनहरी लाइन व पेंट का इस्तेमाल भी है। सुनहरी तारों का इस्तेमाल सिल्क फैब्रिक में भी किया जाता है, जिससे पर्दे, बेडशीट और सोफा कवर आदि बनाए जाते हैं।
आगे क्या है?
भारत का इंटीरियर मार्केट काफी तेजी (20 फीसद की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ रहा है। यह मार्केट लगातार बड़ा और बड़ा होता जा रहा है, इसमें ऑनलाइन, संगठित व गैर-संगठित क्षेत्र भी शामिल हैं। विभिन्न विक्रेताओं द्वारा बेचे जाने वाले समकालीन डिजाइनों की मांग, घरों की संख्या में बढ़ोतरी, रियल इस्टेट सेक्टर में बढ़ोतरी और ब्रांडेड व कस्टम डिजाइन फर्नीचर की मार्केट 2020 तक 40 हजार करोड़ के पार पहुंच जाएगी।
इसमें भी बड़ी बात यह है कि मध्यवर्ग लगातार बढ़ रहा है और उसके साथ ही बढ़ रही है गुणवत्तापूर्ण जीवन शैली की चाहत। यह भी विकास की प्रमुख विशेषताओं में से एक है। इस तरह से सोने से प्रेरित महंगे और लग्जरी ब्रांडेड वस्तुओं की मांग भी तेजी से बढ़ेगी। होम डेकोर की हर श्रेणी में सोने और उसके विभिन्न रूप तेजी से सामान्य विशेषता बनते जा रहे हैं। हालांकि इसे आम लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा इनोवेशन और एफोर्डोब्लिटी के साथ सुलभ बनाने पर जोर है। और यह आगामी वर्षों में संभव भी हो जाएगा।
क्या किया जाए?
चाहे जिस भी तरीके से कोई अपने घर को सजाना चाहता हो, उसे अपने आसपास के परिवेश को ध्यान में रखते हुए बेस स्टाइल का चुनाव करना चाहिए। शहरों में छोटे अपार्टमेंट का दौर चल निकला है तो मॉडर्न और फ्युचरिस्टिक स्टाइल के घर ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। लेकिन जो लोग सोना पसंद करते हैं वे भी इस कीमती धातु का कम स्पेस में भी संतुलित तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि पूरे बेडरूम को इस फैशन में सजाया जा सकता है या सिटिंग एरिया में गोल्ड प्लेटिंग फर्नीचर हो सकता है। जिनके पास घर में ज्यादा जगह हो वह और अधिक प्रयोग कर सकता है। जैसे पर्सियन स्टाइल में गोल्ड फिनिश मैटेरियल और डेकोर आइटमों को व्हाइट बैकग्राउंड में रखा जा सकता है। ऐसे ही कई तरह के विकल्पों से में चुना जा सकता है। लेकिन आप जो भी डिजाइन चुनें वह ऐसा होना चाहिए जो आपसे मेल खाता हो।
इतिहास क्या कहता है?
इतिहास के अनुसार बहुत पहले मध्यकाल से पूर्व ही सोने का इस्तेमाल इंटीरियर और होम फर्निशिंग में होने लगा था, जब सोने को राजसी वैभव को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। प्राचीन मिस्रवासी राज परिवार के लिए अपने सम्मान को प्रकट करने के लिए सोने का इस्तेमाल करते थे। इसलिए मिस्र और रोम में राज परिवार के लोग सोने का इस्तेमाल अपने दैनंदिन के कार्यों में करते थे, जैसे- नींद के लिए सोने से सुसज्जित बिस्तर, सोने के तख्त पर बैठना, सोने से बने बर्तनों में खाना और यहां तक कि सोने से बने टब व बर्तनों में नहाना व शौच करना भी इनमें शामिल था। इस तरह के उपयोग के लिए खदानों से निकालकर सोने का इस्तेमाल किया जाता था।
बाद के आधुनिक युग में अंग्रेज शासकों ने सोने का इस्तेमाल अपने वर्चस्व को दर्शाने के लिए किया। इस प्रकार की वस्तुओं को या तो सोने की शीट से बनाया जाता था, या इन पर सोने का पॉलिश किया जाता था। जैसे-जैसे सोना और ज्यादा मशहूर हुआ यह होम डेकोर के लिए इस्तेमाल होने लगा और इस तरह से यह उन आम लोगों के घरों तक भी पहुंच गया जो या तो पेशे से समृद्ध थे या वे अपने घर में कुछ रॉयल लुक लाना चाहते थे। 18वीं और 19 वीं सदी में बने घरों में सोने के सामान या इंटीरियर का प्रमुखता से इस्तेमाल किया गया। इस तरह से ब्रूटलिस्ट और पर्सियन स्टाइल के होम डेकोर का उदय हुआ। एशिया में भी सोने का आवरण और सामान प्राचीन चीनी सभ्यता में भी खासे मशहूर थे। भारतीय शासक भी सोने के प्रति खासा लगाव रखते थे। लेकिन यह ज्यादा पापुलर तब हुआ जब आम लोगों ने भी इसे रखना शुरू कर दिया और अन्य देशों के साथ आयात-निर्यात होने लगा।