बिटकॉइन बना नया हथियार, सरकारी शिकंजे से भी है बाहर
बिटकॉइन दरअसल एक क्रिप्टो करेंसी है और यह किसी भी सामान्य मुद्रा जैसे डॉलर, रुपये या पॉन्ड की तरह इस्तेमाल की जा सकती है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। पिछले दिनों दुनियाभर के कंप्यूटरों पर एक रैनसम वेयर (वॉना क्राय) का हमला हुआ। इस वायरस के जरिए यूजर की सारी जानकारी को इनस्क्रिप्ट कर दिया गया और इसे वापस देने के बदले फिरौती मांगी गई। इसी लिए इस वायरस को फिरौती वायरस का भी नाम मिला। फिरौती भी रुपये, डॉलर, पाउंड या किसी अन्य मुद्रा में नहीं मांगी गई, बल्कि 'बिटकॉइन' में मांगी गई। अपने डाटा को वापस पाने के लिए कई कंपनियों को 'बिटकॉइन' के रूप में मोटी रकम चुकानी भी पड़ी।
रैनसम वेयर के अटैक से पहले बिटकॉइन के बारे में भारत में कम ही लोगों को जानकारी थी। लेकिन दुनियाभर के कंप्यूटरों और मोबाइल फोनों पर रैनसम वेयर के हमले के बाद बिटकॉइन रातों-रात सबकी जुबान पर चढ़ गया है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन दरअसल एक क्रिप्टो करेंसी है और यह किसी भी सामान्य मुद्रा जैसे डॉलर, रुपये या पॉन्ड की तरह इस्तेमाल की जा सकती है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसका लेनदेन केवल डिजिटल स्वरूप में ही होता है। पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी। आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है। शायद यही कारण है कि कई डेवलपर्स और बिजनेस ने बिटकॉइन को अपनाया है।
एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये
जैसा कि आप जानते हैं, बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है। लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है। फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2739 डॉलर यानी पौने दो लाख से भी ज्यादा है। भारत में बिटकॉइन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्थता (बिना बैंक) के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। वहीं, इस डिजिटल करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है।
सरकार मजबूर, कहा-रोक संभव नहीं
केंद्र सरकार फिलहाल बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के ऑनलाइन लेनदेन पर रोक लगाने की स्थिति में नहीं है। इस मामले में सरकार के भीतर हुए विमर्श का निचोड़ यही है कि ऐसी करेंसी की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण संभव नहीं है। हालांकि अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। लेकिन एक अंतर मंत्रालयी समिति में इस पर हुए विचार-विमर्श में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इंटरनेट के जरिए होने वाले सौदों पर रोक लगाना तकनीकी तौर पर संभव नहीं है। दुनिया में करीब 90 से अधिक वर्चुअल करेंसी चलन में हैं। जनवरी, 2015 तक 137 लाख बिटकॉइन सर्कुलेशन में थी। इनकी बाजार कीमत 2.7 अरब डॉलर है।
रोकथाम के लिए चार बैठक
बिटकॉइन सहित तमाम तरह की वर्चुअल करेंसी के भविष्य पर विचार के लिए आर्थिक मामलों के विभाग ने एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया था। इस तरह की डिजिटल मुद्राओं के लेनदेन पर रोक लगाने की संभावनाओं पर कमेटी की अप्रैल से अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं।
कैसे काम करता है बिटकॉइन?
अगर आप तकनीक को बहुत अच्छे से नहीं भी समझते हैं तो भी आप बिटकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक नए उपयोगकर्ता के रूप में आप बिटकॉइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटकॉइन वॉलेट के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं। इससे आपका पहला बिटकॉइन एड्रेस बनेगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं। अब आप अपने मित्रों को अपना बिटकॉइन एड्रेस दे सकते हैं। इसके बाद आप उनसे भुगतान ले या उन्हें भुगतान कर भी सकते हैं।
कैश, मोबाइल वॉलेट और बैंक से अलग कैसे?
दुनियाभर के देशों की अपनी अगल-अलग मुद्रा है। दुनियाभर में डॉलर के जरिए व्यापार होता है और हर मुद्रा की कीमत डॉलर के आधार पर ही ऊपर-नीचे होती रहती है। फोरेक्स बाजार में जिस तरह से रुपये, डॉलर, यूरो, येन आदि खरीदे-बेचे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीददारी होती है। बिटकॉइन से आप ऑनलाइन खरीददारी कर सकते हैं, साथ ही साथ इसे कैश में भी भुना सकते हैं। इसके लिए बकायदा दुनियाभर में एक्सचेंज बनाए गए हैं। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और गोल्डमैन साक्स ने भी बिटकॉइन को काफी तेज और कुशल तकनीक बताया है और इसकी जमकर तारीफ भी की है।
बिटकॉइन के साथ विवाद
वित्तीय लेन-देन के लिए बिटकॉइन सबसे तेज और कुशल मुद्रा मानी जा रही है। इसलिए बिटकॉइन को वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है। आज दुनियाभर के कंप्यूटरों में वायरस भेजकर फिरौती मांगने का काम भी बिटकॉइन के जरिए ही हो रहा है। कालाधन, हवाला का धंखा, ड्रग्स की खरीद-बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में इसके ज्यादा इस्तेमाल की वजह से भी बिटकॉइन खबरों में रहता है। बिटकॉइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनियाभर के देशों में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इधर भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इस वर्चुअल मुद्रा को कानूनी मान्यता नहीं दी है।
ये बातें आपको जरूर पता होनी चाहिए
अगर आप बिटकॉइन के बारे में पता लगाने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातें पता होनी चाहिए। बिटकॉइन आपको सामान्य बैंकों की तुलना में अलग तरीके से पैसे का आदान-प्रदान करने की सुविधा देता है। किसी भी गंभीर लेन-देन के लिए बिटकॉइन का उपयोग करने से पहले आपको इन सारी बातों का पता होना चाहिए। बिटकॉइन को अपने नियमित वॉलेट के रूप में ही देखभाल की जानी चाहिए या और मामलों में कुछ और अधिक !
क्या मुझे इसका इस्तेमाल करना चाहिए?
बिटकॉइन एक प्रयोगात्मक नई मुद्रा है, जिसका विकास सक्रिय है। जैसे-जैसे इसका उपयोग बढ़ता है यह कम प्रयोगात्मक बनता जाता है। याद रखें कि बिटकॉइन एक नया आविष्कार है, जो नए तरीके खोज रहा है, जिसका आज तक प्रयोग नहीं किया गया। इसलिए इसका भविष्य कोई नहीं बता सकता। यही नहीं भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इसे मान्यता भी नहीं दी है। इसलिए इसका इस्तेमाल पूरी तरह से आपके विवेक पर है। बिटकॉइन के ट्रांजेक्शन में व्यक्तिगत जानकारियों की जरूरत नहीं होती है। लेकिन क्रेडिट कार्ड या बैंक ट्रांजेक्शन के विपरीत इससे होने वाले ट्रांजेक्शन इररीवर्सिवल होते हैं। यानी अगर आपने एक बार गलत भुगतान कर दिया तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता। अंत में फैसला आपका है, आप चाहें तो तेजी से बढ़ती इस ई-मुद्रा का इस्तेमाल करें या न करें...